Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

Book Name:Tazeem-e-Mustafa Ma Jashne Milad Ki Barakaten

इमामत कोर्स की अहम्मिय्यत बयान करते हुवे शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ इरशाद फ़रमाते हैं : जो शख़्स इमामत करना चाहे, उसे चाहिये कि वोह इमामत कोर्स ज़रूर करे अगर्चे मदनी ही क्यूं न हो क्यूंकि इमामत कोर्स में बिल ख़ुसूस इमामत के मसाइल पर ही तरबिय्यत की जाती है ।

          आ़शिक़ाने रसूल की सोह़्बतों से माला माल इमामत कोर्स में जो कुछ सीखने को मिलता है, उस की तफ़्सीलात मा'लूम हो जाने के बा'द दीन का दर्द रखने वाला हर मुसलमान शायद येह ह़सरत करेगा कि काश ! मुझे भी इमामत कोर्स करने की सआ़दत ह़ासिल हो जाए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इमामत कोर्स में बुन्यादी अ़क़ाइद पर बेहतरीन तरबिय्यत की जाती है, इमामत कोर्स में वुज़ू, ग़ुस्ल, नमाज़, इमामत, कफ़न, दफ़्न, पाकी, नापाकी, निकाह़ पढ़ाने और चन्दे वग़ैरा के मसाइल सिखाए जाते हैं, इमामत कोर्स में क़वाइ़द व मख़ारिज के साथ क़ुरआने पाक पढ़ना और पढ़ाना सिखाया जाता है, इमामत कोर्स में अख़्लाक़ी तरबिय्यत का भी सिलसिला होता है, इमामत कोर्स में मदनी काम करने की भी भरपूर तरबिय्यत की जाती है जब कि कोर्स के इख़्तिताम पर सनद भी पेश की जाती है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इमामत कोर्स की बरकत से इस्लामी भाई इमाम बन कर रुख़्सत होते और मुआ़शरे में इ़ज़्ज़त का मक़ाम पाते हैं, लिहाज़ा जिस से बन पडे़, उसे ज़रूर इमामत कोर्स के ज़रीए़ इ़ल्मे दीन ह़ासिल करना चाहिये । अल्लाह करीम दा'वते इस्लामी से वाबस्ता हर इस्लामी भाई को इमामत कोर्स करने की सआ़दत नसीब फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

रिसाला "सुब्हे़ बहारां" का तआ़रुफ़

       मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! मीलादे मुस्त़फ़ा की मज़ीद बरकतों को पाने के लिये शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "सुब्ह़े बहारां" का मुत़ालआ़ करना इन्तिहाई मुफ़ीद है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस रिसाले में माहे मीलाद मनाने के दलाइल, रबीउ़ल अव्वल के महीने में जुलूसे मीलाद निकालने, इस में शिर्कत करने का त़रीक़ए कार, मह़फ़िले मीलाद मुन्अ़क़िद करने की अच्छी अच्छी निय्यतें, मदनी बहारें और इस के इ़लावा बहुत से मदनी फूल भी बयान किये गए हैं । लिहाज़ा आज ही इस रिसाले को मक्तबतुल मदीना के बस्ते से हदिय्यतन त़लब फ़रमाइये, ख़ुद भी इस का मुत़ालआ़ कीजिये और दूसरों को भी तरग़ीब दिलाइये । दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से इस रिसाले को पढ़ा भी