Jahannam Say Bachany Waly Aamal

Book Name:Jahannam Say Bachany Waly Aamal

oبِرَحۡمَتِکَ یَآاَرۡحَمَ الرّٰحِمِیۡنَ

अपनी रह़मत के सबब हम पर रह़म फ़रमा, ऐ सब से बढ़ कर रह़म फ़रमाने वाले ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

اَسْتَغْفِرُ اللہ                                          تُوْبُوْا اِلٰی اللہ             

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                             صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

ख़ौफे़ जहन्नम से बे क़रार रहिये !

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! ग़ौर कीजिये कि दुन्यवी आग सहने की किसी में ताब नहीं, तो जहन्नम की आग कैसे बरदाश्त हो सकेगी ? सिर्फ़ येही नहीं बल्कि उस आग के इ़लावा भी कई दर्दनाक अ़ज़ाबात का सिलसिला होगा । लिहाज़ा आ़फ़िय्यत इसी में है कि जहन्नम की हौलनाकियों, पुल सिरात़ की मुसीबतों और आख़िरत में पेश आने वाले होशरुबा ह़ालात को पेशे नज़र रखते हुवे उन से बचने का सामान करें ।

ह़ज़रते सय्यिदुना इमाम ग़ज़ाली عَلَیْہِ رَحْمَۃُ اللہِ الْوَالِی इरशाद फ़रमाते हैं : जो दुन्या में रह कर क़ियामत के बारे में ज़ियादा ग़ौरो फ़िक्र करेगा, वोह उन हौलनाकियों से ज़ियादा मह़फ़ूज़ रहेगा । बेशक अल्लाह पाक बन्दे पर दो ख़ौफ़ जम्अ़ नहीं फ़रमाता, लिहाज़ा जो दुन्या में इन हौलनाकियों का ख़ौफ़ रखेगा वोह आख़िरत में इन से मह़फ़ूज़ रहेगा और ख़ौफ़ से मुराद औ़रतों की त़रह़ रोना धोना नहीं कि आंखें आंसू बहाएं और सिमाअ़ के वक़्त दिल नर्म हो जाए फिर तुम उसे भूल कर अपने खेल कूद में मश्ग़ूल हो जाओ । इस ह़ालत को ख़ौफ़ से कोई तअ़ल्लुक़ नहीं बल्कि जो शख़्स जिस चीज़ का ख़ौफ़ रखता है उस से भागता है और जिस चीज़ की उम्मीद रखता है उस को त़लब करता है । लिहाज़ा तुम्हें वोही ख़ौफ़ नजात देगा जो अल्लाह पाक की ना फ़रमानी से रोके और उस की इ़बादत व फ़रमां बरदारी पर उभारे । (इह़याउल उ़लूम, 5 / 286-287)

आइये ! आज की बा बरकत रात चन्द ऐसे आ'माल जिन की बरकत से जहन्नम के अ़ज़ाब से बचने की बिशारत है, उन के बारे में सुनते हैं ।