Book Name:Jahannam Say Bachany Waly Aamal
गुनाह छोड़िये और ख़ौफ़े ख़ुदा पैदा कीजिये !
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अगर हम दोज़ख़ के अ़ज़ाब से बचना चाहते हैं और जन्नत की अबदी ने'मतों के ह़क़दार बनने के ख़्वाहिश मन्द हैं, तो हमें हर क़िस्म के गुनाह मसलन नमाज़ छोड़ने, दाढ़ी मुन्डाने या एक मुठ्ठी से कम कराने, मां-बाप को सताने, औ़रतों को बे पर्दा सरे बाज़ार फिराने, फ़िल्में, ड्रामे देखने और दिखाने, गाने सुनने और बाजे बजाने, ह़राम रोज़ी कमाने, सूदी तिजारतों में ह़िस्सा मिलाने, गन्दी गालियों, ग़ीबतों, चुग़लियों और ऐ़ब दरियों में ज़बान चलाने और बे नमाज़ियों और फै़शन परस्त बुरे दोस्तों के साथ बैठने, बिठाने से गुरेज़ करना होगा ।
याद रखिये ! गुनाहों से बचने का बेहतरीन ज़रीआ़ येह भी है कि हम रोज़े क़ियामत गुनाहों के सबब ज़िल्लतो रुस्वाई को पेशे नज़र रखते हुवे अल्लाह पाक का ख़ौफ़ भी अपने दिल में बिठाए रखें क्यूंकि ख़ौफे़ ख़ुदा ही एक ऐसी दवा है कि जिस से गुनाहों की बीमारी का इ़लाज मुमकिन है, जब तक येह ने'मते उ़ज़्मा ह़ासिल न हो जाए तब तक गुनाहों से नफ़रत और नेकियों से मह़ब्बत होना तक़रीबन ना मुमकिन है ।
आइये ! दिल में ख़ौफे़ ख़ुदा की शम्अ़ जलाने के लिये ख़ौफे़ ख़ुदा में रोने की फ़ज़ीलत पर तीन अह़ादीसे मुबारका सुनते हैं :
-1दो आंखों को जहन्नम की आग न छूएगी : एक वोह आंख जो रात के किसी ह़िस्से में अल्लाह पाक के ख़ौफ़ से रोए और दूसरी वोह आंख जो अल्लाह पाक की राह में पहरा देते हुवे रात गुज़ारे ।
(سنن الترمذی،کتاب الجھاد،باب ماجاء فی فضل الحرس۔۔۔الخ،ج۳، ص۲۳۹،الحدیث:۱۶۴۵)
-2एक शख़्स ने अ़र्ज़ किया : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! मैं किस चीज़ के ज़रीए़ जहन्नम से बच सकता हूं ? तो जनाबे रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : अपनी आंखों के आंसूओं के ज़रीए़ से क्यूंकि जो आंख अल्लाह पाक के ख़ौफ़ से रोती है उसे जहन्नम की आग कभी न छूएगी ।
(अज़ : जन्नत में ले जाने वाले आ'माल, स. 704, الترغیب والترہیب، کتاب التوبہ والزھد، الترغیب فی البکاء من خشیۃ اللہ ،رقم ۹ ،ج۴ ،ص ۹۸)