Book Name:Jahannam Say Bachany Waly Aamal
डाउन लोड (Download) और प्रिन्ट आउट (Print Out) भी की जा सकती हैं । मुबल्लिग़ीन व मुबल्लिग़ात को बयानात की तय्यारी के लिये इस किताब की दोनों जिल्दें बहुत ज़ियादा मुफ़ीद हैं ।
चांद रात से मदनी क़ाफ़िले में सफ़र
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! कई आ़शिक़ाने रसूल व आ़शिक़ाने रमज़ान ने पूरे माहे रमज़ान या आख़िरी अ़शरे के सुन्नत ए'तिकाफ़ की सआ़दत ह़ासिल की, अल्लाह पाक ए'तिकाफ़ करना अपनी बारगाह में क़बूल फ़रमाए । दौराने ए'तिकाफ़ क़ुरआने करीम को दुरुस्त मख़ारिज के साथ पढ़ने, नमाज़ का अ़मली त़रीक़ा, नमाज़े जनाज़ा का त़रीक़ा, फ़र्ज़ उ़लूम सीखने का मौक़अ़ मिला होगा, कई दुआ़एं याद की होंगी, आ़शिक़ाने रमज़ान की सोह़बत और दा'वते इस्लामी के मुश्कबार मदनी माह़ोल की बरकत से गुनाहों पर नदामत के आंसू बहाने के बा'द सच्ची तौबा और आइन्दा अल्लाह पाक व रसूल صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की इत़ाअ़त व फ़रमां बरदारी में सुन्नतों भरी ज़िन्दगी गुज़ारने का मदनी जे़हन बना होगा, ज़िन्दगी को ग़नीमत जानते हुवे ख़ूब ख़ूब मदनी कामों की धूमें मचाने का जज़्बा मिला होगा ।
मगर याद रखिये ! शैत़ान हमारा खुला दुश्मन है, येह बद बख़्त कभी भी नहीं चाहेगा कि हम तौबा पर साबित क़दम रहें, गुनाहों से मुंह मोड़ कर नेकियों भरी ज़िन्दगी गुज़ारें, अगर हम चाहते हैं कि माहे रमज़ान की यादें ताज़ा रहें, जो कुछ सीखा वोह याद भी रहे और उस पर अ़मल की सआ़दत भी ह़ासिल हो, तो मेरा मश्वरा है कि चांद रात या ई़द के दिन से हाथों हाथ सफ़र करने वाले मदनी क़ाफ़िलों में आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत में हम भी सफ़र की सआ़दत ह़ासिल करें । अल्लाह पाक की रह़मत से उम्मीद है, इस सफ़र की बरकत से यौमे ई़द की मुबारक घड़ियां गुनाहों भरी सोह़बतों में गुज़रने के बजाए, अल्लाह पाक के घर में गुज़रेंगी, रूह़ानी सुकून नसीब होगा और मदनी माह़ोल में इस्तिक़ामत का सामान भी होगा । اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ