Book Name:Gunahon Ki Nahosat
अ़ज़ीम इ़ल्मी व रूह़ानी शख़्सिय्यत, शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की मुरीद हो जाएं । यक़ीनन मुरीद होने में नुक़्सान का कोई पहलू ही नहीं, दोनों जहां में اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ وَجَلَّ फ़ाइदा ही फ़ाइदा है । क्या ख़बर कि कब इन की एक नज़र हम पर पड़ जाए और हमारे ज़ाहिरो बात़िन के सब मैल और क़ल्बो फ़िक्र की तमाम सियाहियां धो डाले ।
याद रखिये ! किसी शख़्स को हर वक़्त गुनाहों में मुब्तला रहता देख कर उस के बारे में हरगिज़ हरगिज़ येह कहने की इजाज़त नहीं होगी कि उस के दिल पर मोहर लग गई या उस का दिल सियाह हो गया, जभी नेकी की दा'वत उस पर असर नहीं करती । यक़ीनन अल्लाह पाक इस बात पर क़ादिर है कि उसे तौबा की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमा दे जिस से वोह राहे रास्त पर आ जाए, इस लिये किसी की टोह में पड़ने के बजाए अपने ज़ाहिरो बात़िन को संवारने की कोशिश की जाए । अल्लाह करीम हमारे दिल की सियाही को दूर फ़रमाए ।
اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد
मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! रमज़ान में गुनाह करने के ह़वाले से एक इ़ब्रत अंगेज़ ह़िकायत सुनिये और ख़ौफे़ ख़ुदावन्दी से लरज़िये ! ख़ास कर वोह लोग इस ह़िकायत से दर्से इ़ब्रत ह़ासिल करें जो रोज़ा रखने के बा वुजूद ताश, शत़रंज, लुड्डो, वीडियो गेम्ज़, फ़िल्में, ड्रामे, गाने, बाजे वग़ैरा वगै़रा बुराइयों से बाज़ नहीं रहते । चुनान्चे,
मन्क़ूल है : एक बार अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते मौलाए काइनात, अ़लिय्युल मुर्तज़ा, शेरे ख़ुदा (کَرَّمَ اللّٰہُ تَعَالٰی وَجْھَہُ الْکَرِیْم) ज़ियारते क़ुबूर के लिये कूफ़ा के क़ब्रिस्तान तशरीफ़ ले गए, वहां एक ताज़ा क़ब्र पर नज़र पड़ी । आप کَرَّمَ اللّٰہُ تَعَالٰی وَجْھَہُ الْکَرِیْم को उस के ह़ालात मा'लूम करने की ख़्वाहिश हुई । चुनान्चे, बारगाहे ख़ुदावन्दी में अ़र्ज़ गुज़ार हुवे : या अल्लाह पाक ! इस मय्यित के ह़ालात मुझ पर