Gunahon Ki Nahosat

Book Name:Gunahon Ki Nahosat

क़दम नहीं बढ़ाती । (شُعَبُ الايمان، باب فی الزکاۃ،التحريض علی صدقة التطوع،۳/۲۱۴، حديث:۳۳۵۳) निय्यत फ़रमा लीजिये कि अपने तमाम तर सदक़ाते वाजिबा व नाफ़िला (ज़कात, सदक़ा, ख़ैरात वग़ैरा) आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी को देंगी, اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ अल्लाह तआला अ़मल की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए ।

 اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

        तमाम इस्लामी बहनें येह पेम्फ़लेट "माहे रमज़ान में गुनाह करने वाले की क़ब्र का भयानक मन्ज़र" मक्तबतुल मदीना से ज़ियादा से ज़ियादा ता'दाद में वरना कम अज़ कम 12 या ह़स्बे तौफ़ीक़ ख़रीद फ़रमा कर इसे तक़्सीम फ़रमाएं और अपने घर में नुमायां जगह पर आवेज़ां फ़रमाएं, इस की बरकत से गुनाहों से बचने का जे़हन बनेगा । اِنْ شَآءَ اللہ عَزَّ  وَجَلَّ

          ह़ज़रते सय्यिदतुना उम्मे सलमा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا फ़रमाती हैं कि शहनशाहे मदीना صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : औरत का अपने कमरे में नमाज़ पढ़ना घर के इह़ाते़ में नमाज़ पढ़ने से बेहतर है और उस का इह़ात़े में नमाज़ पढ़ना सेह़्न में नमाज़ पढ़ने से अफ़्ज़ल है और सेह़्न में नमाज़ पढ़ना घर से बाहर नमाज़ पढ़ने से अफ़्ज़ल है । (जन्नत में ले जाने वाले आ'माल, स. 102)

          इसी त़रह़ एक और ह़दीसे मुबारका उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदतुना उम्मे सलमा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا से रिवायत है कि सय्यिदुल मुबल्लिग़ीन, रह़मतुल्लिल आलमीन صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : औरतों के नमाज़ पढ़ने के लिये सब से बेहतरीन जगह उन के घरों के तेहख़ाने हैं ।

          माहे रमज़ानुल मुबारक की आमद आमद है । इस माहे मुबारक में इस्लामी बहनें ख़ुसूसिय्यत के साथ नमाज़े तरावीह़ और सलातुत्तस्बीह़ का एहतिमाम फ़रमाती हैं । निय्यत फ़रमा लीजिये कि इन दो अह़ादीसे मुबारका पर अ़मल करते हुवे जिस त़रह़ पन्ज वक़्ता नमाज़ हम घरों पर अदा करती हैं, इसी त़रह़ नमाज़े तरावीह़ व सलातुत्तस्बीह़ अपने घर में ही अदा करेंगी ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!                                 صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد