Gunahon Ki Nahosat

Book Name:Gunahon Ki Nahosat

मजलिसे मक्तूबातो ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ आशिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी कमो बेश 104 शो'बाजात में दीने मतीन की ख़िदमत में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक "मजलिसे मक्तूबातो ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या" भी है जो मरीज़ों और परेशान ह़ाल इस्लामी भाइयों की ख़ैर ख़्वाही में मसरूफे़ अ़मल है । मुल्क व बैरूने मुल्क में रोज़ाना लगने वाले (इस्लामी भाइयों के) ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या के बस्तों की ता'दाद तक़रीबन 980 है, माहाना मरीज़ों की औसत़न ता'दाद 3,35,000 है । मुल्के मुर्शिद में कमो बेश 80 मक़ामात पर इस्लामी बहनों के भी हफ़्तावार ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या के बस्ते लगते हैं जिन पर ता'वीज़ाते अ़त़्त़ारिय्या देने और लेने वाली सिर्फ़ इस्लामी बहनें ही होती हैं, इन बस्तों से माहाना हज़ारों इस्लामी बहनें फै़ज़याब होती हैं । माहाना ता'वीज़ात व अवरादे अ़त़्त़ारिय्या तक़रीबन 6 लाख दिये जाते हैं ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! हमें चाहिये कि दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहें और दुन्या के खेल तमाशों में वक़्त बरबाद करने

के बजाए अल्लाह पाक की रिज़ा व ख़ुशनूदी पाने के लिये ज़ियादा से ज़ियादा नेक आ'माल करें क्यूंकि हमें येह ज़िन्दगी खेल कूद और तफ़रीह़ के लिये नहीं बल्कि ऐसे काम करने के लिये दी गई है जिन की बजा आवरी से रिज़ाए रब्बुल अनाम ह़ासिल हो । चुनान्चे,

          फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : बेशक दुन्या मीठी और सर सब्ज़ है और अल्लाह पाक इस (दुन्या) की तुम को ख़िलाफ़त देने वाला है, पस देखता है कि तुम कैसे अ़मल करते हो ।  (ابن ماجہ،کتاب الفتن ،باب فتنۃ النساء،ج۴ص۳۵۷حدیث ۴۰۰۰)

पस याद रखिये ! मौत के बा'द हर शख़्स अपनी करनी का फल पाएगा । अगर दुन्या में अच्छे आ'माल किये होंगे, तो इस की जज़ा पाएगा और अगर ख़ुदा न ख़ास्ता नफ़्सो शैत़ान के बहकावे में आ कर ज़िन्दगी गुनाहों में बसर की,