Ala Hazrat Ki Shayeri Aur Ishq e Rasool

Book Name:Ala Hazrat Ki Shayeri Aur Ishq e Rasool

1.      सलाम के बाद 100 मरतबा येह दुरूदे पाक पढ़िए : اَللّٰہُمَّ صَلِّ عَلٰی مُحَمَّدٍ وَّعَلٰی اٰلِ مُحَمَّدٍ وَّبَارِکْ وَسَلِّمْ بِرَحْمَتِکَ یَا اَرْحَمَ الرَّاحِمِیْن (लत़ाइफे़ अशरफ़ी, 2 / 231, جواہرخمسہ، ص ۲۱)

2.      बारहवीं तारीख़ को नबिय्ये रह़मत, शफ़ीए़ उम्मत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم की बारगाह में सवाब पहुंचाने की निय्यत से 20 रक्अ़त नफ़्ल पढ़ें और हर रक्अ़त में सूरए फ़ातिह़ा के बाद 21 मरतबा सूरए इख़्लास (قُلْ ہُوَاللہُ اَحَدपढ़ें । एक शख़्स हमेशा येह नमाज़ पढ़ता था, उसे ख़्वाब में नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم की ज़ियारत हुई । आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم फ़रमा रहे थे : हम तुम्हें अपने साथ जन्नत में ले कर जाएंगे । (جواہرخمسہ، ص ۲۱)

          ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! हमें भी फ़राइज़ो वाजिबात की अदाएगी के साथ साथ इन नवाफ़िल को अदा करना चाहिए क्यूंकि नफ़्ल नमाज़ों के बे शुमार फ़वाइदो बरकात हैं । मसलन : ٭ नवाफ़िल की बरकत से ख़ुदा की इ़बादत करने वाले बन्दों में शुमार होता है । ٭ रब्बे करीम की मह़ब्बत नसीब होती है । ٭ रिज़्क़ में बरकत होती है । ٭ दुश्मनों के शर और फ़साद से ह़िफ़ाज़त नसीब होती है । ٭ मौत की सख़्ती से ह़िफ़ाज़त नसीब होती है । ٭ शैत़ान के वस्वसों से ह़िफ़ाज़त नसीब होती है । ٭ क़ब्र रौशन और कुशादा होती है । ٭ क़ब्र जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ बन जाती है । ٭ क़ियामत की परेशानियों से नजात ह़ासिल होती है ।

मदनी मुज़ाकरे और जुलूसे मीलाद

          ऐ आ़शिक़ाने मीलाद ! माहे रबीउ़ल अव्वल में दीगर नेक आमाल के साथ साथ ٭ हफ़्तावार मदनी मुज़ाकरे के इ़लावा रबीउ़ल अव्वल की पेहली तारीख़ से 13 तारीख़ तक मदनी चेनल पर होने वाले रोज़ाना के मदनी मुज़ाकरों और इन से पेहले जुलूसे मीलाद का सिलसिला होता है, इन्हें देखने, सुनने की ज़रूर कोशिश की जाए । ٭ अपने घर में बिल ख़ुसूस इन मुबारक दिनो में मदनी चेनल चलाने का एहतिमाम किया जाए ताकि घर के सभी अफ़राद फै़ज़ाने मीलाद से मालामाल हों । ٭ रबीउ़ल अव्वल की ख़ुशियां मदनी चेनल के साथ मनाइए । ٭ मदनी मुज़ाकरे देखने, सुनने के ज़रीए़ बटने वाला इ़ल्मे दीन ह़ासिल कीजिए । ٭ मदनी चेनल पर दिखाए जाने वाले जुलूसे मीलाद में "मरह़बा या मुस्त़फ़ा !" की सदाएं लगाते हुवे मदनी परचम उठाए जुलूसे मीलाद की बरकतें पाइए । ٭ रबीउ़ल अव्वल के पेहले 12 दिनों में ख़ुसूसिय्यत के साथ रोज़ाना मेह़फ़िले नात का एहतिमाम किया जाए । ٭ रबीउ़ल अव्वल में हर आ़शिके़ रसूल के घर में बिल उ़मूम और जामिअ़तुल मदीना (लिल बनीन व लिल बनात) के त़लबा व त़ालिबात और मद्रसतुल मदीना (लिल बनीन व लिल बनात) के बच्चों और बच्चियों के घरों में बिल ख़ुसूस चराग़ां व सजावट का एहतिमाम होना चाहिए । ٭ जब भी मदनी मुज़ाकरे देखें, सुनें, तो सुवाल जवाब लिखने का एहतिमाम किया कीजिए, इस से भी इ़ल्मे दीन में इज़ाफ़ा होगा ।

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "सदाए मदीना"

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! रबीउ़ल अव्वल की बरकतों से मालामाल होने और माहे रबीउ़ल अव्वल के ह़क़ीक़ी फै़ज़ान को पाने और बिल ख़ुसूस बारहवीं शरीफ़ को नेकियों में गुज़ारने का एक बेहतरीन ज़रीआ़ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से