Qiyamat Ki Alamaat

Book Name:Qiyamat Ki Alamaat

कि एक मर्द की सरपरस्ती (निगरानी) में पचास औ़रतें होंगी । (بخاری، کتاب النکاح، باب یقل الرجال ویکثر النساء،۳/۴۷۲،حدیث: ۵۲۳۱) ٭ माल की कसरत होगी । (مسلم، کتاب الزکاۃ، باب الترغیب فی الصدقۃ ...الخ،ص۳۹۲،حدیث: ۲۳۳۹ملتقطا) ٭ दीन पर क़ाइम रेहना इतना दुशवार होगा जैसे मुठ्ठी में अंगारा लेना । (ترمذی، کتاب الفتن،باب۷۳،۴/۱۱۵،حدیث: ۲۲۶۷) ٭ वक़्त में बरकत न होगी, यहां तक कि साल महीने की त़रह़, महीना हफ़्ते की त़रह़, हफ़्ता दिन की त़रह़ और दिन ऐसा हो जाएगा जैसे किसी चीज़ को आग लगी और जल्द भड़क कर ख़त्म हो गई । (ترمذی، کتاب الفتن، باب ماجاء فی تقارب الزمن...الخ ،۴/۱۴۸،حدیث: ۲۳۳۹ملتقطا) ٭ ज़कात देना (लोगों पर ऐसा मुश्किल होगा कि  उसे) तावान समझेंगे । (ترمذی، کتاب الفتن، باب ما جاء في علامۃ...الخ،۴/۸۹،حدیث: ۲۲۱۷) ٭ इ़ल्मे दीन पढ़ेंगे मगर दीन के लिए नहीं । ٭ मर्द अपनी औ़रत का फ़रमां बरदार होगा । ٭ मां-बाप की ना फ़रमानी करेगा । ٭ अपने अह़बाब (दोस्तों) से मेल जोल रखेगा और बाप से जुदाई । ٭ मस्जिद में लोग चिल्लाएंगे । ٭ गाने बाजे की कसरत होगी । ٭ अगलों (पिछले वक़्तों के लोगों) पर लोग लानत करेंगे, उन को बुरा कहेंगे । (ترمذی، کتاب الفتن، باب ما جاء فی علامۃ...الخ،۴/۹۰،حدیث: ۲۲۱۸) ٭ ज़लील लोग जिन को तन का कपड़ा, पाउं की जूतियां नसीब न थीं, बड़े बड़े मह़ल्लात में फ़ख़्र करेंगे । (مسلم، کتاب الایمان،باب بیان الایمان...الخ،ص۳۳،حدیث:۹۳ملتقطا)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अभी हम ने क़ियामत की निशानियों के बारे में सुना । क़ियामत की कुछ निशानियां ऐसी हैं जो पूरी हो चुकी हैं जबकि कुछ निशानियां ऐसी भी हैं जो पूरी होना बाक़ी हैं ।

1﴿...चांद का फट जाना

        एक निशानी जो पूरी हो चुकी है, उसे क़ुरआने पाक में भी वाज़ेह़ त़ौर पर बयान किया गया है । चुनान्चे, पारह 27, सूरतुल क़मर की पेहली आयत में इरशाद होता है :

اِقْتَرَبَتِ السَّاعَةُ وَ انْشَقَّ الْقَمَرُ(۱) (پ ۲۷، القمر:۱)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : क़ियामत क़रीब आ गई और चांद फट गया ।

          तफ़्सीरे सिरात़ुल जिनान में इस आयते करीमा के तह़्त लिखा है : क़ियामत के नज़दीक होने की निशानी ज़ाहिर हो गई कि नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم के मोजिज़े से चांद 2 टुक्ड़े हो कर फट गया । चांद का 2 टुक्ड़े होना जिस का इस आयत में बयान है, येह नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم के रौशन मोजिज़ात में से है । (تفسیرخازن، القمر، تحت الآیۃ: ۱، ۴/۲۱۶)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! मालूम हुवा ! चांद का फट जाना येह क़ियामत की अ़लामत थी । ताजदारे रिसालत, शहनशाहे नुबुव्वत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم ने बत़ौरे मोजिज़ा चांद को फाड़ कर उस के 2 टुक्ड़े फ़रमा दिए थे ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

2﴿...लौन्डी अपने मालिक को जनेगी

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! हम ने क़ियामत की एक निशानी येह भी सुनी थी कि लौन्डी मालिक को पैदा करेगी । उ़लमाए किराम ने इस फ़रमाने मुस्त़फ़ा की मुख़्तलिफ़ वज़ाह़तें बयान की हैं । हमारे मुआ़शरे के माह़ोल के मुत़ाबिक़ जो वज़ाह़त है वोह येह है कि लोग अपनी ह़क़ीक़ी मां के