Book Name:Shan-e-Sayedatuna Aisha Siddiqah
1. नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : आ़इशा (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) की फ़ज़ीलत औ़रतों पर ऐसी है जैसे सरीद की फ़ज़ीलत तमाम खानों पर है । (بخاری، کتاب احادیث الانبیاء،بَاب قَوْلِهِ تَعَالٰى:اِذْ قَالَتِ الْمَلَائِكَةُ …الخ، ۲/۴۵۴، حدیث:۳۴۳۳)
ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान नई़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ बयान कर्दा आख़िरी ह़दीसे पाक के तह़्त फ़रमाते हैं : सरीद या'नी रोटी, शोरबा, बोटियां एक जान (या'नी मिक्स) की हुई बेहतरीन ग़िज़ा है, सारी ग़िज़ाओं से अफ़्ज़ल (ग़िज़ा है) कि वोह ज़ूद हज़्म (जल्द हज़्म होने वाली), निहायत ही मुक़व्वी (या'नी त़ाक़त देने वाली), बहुत मज़ेदार, चबाने से बे नियाज़ (और) बहुत सिफ़ात की जामेअ़ (या'नी कई ख़ूबियों वाली) ग़िज़ा है, ऐसे ही ह़ज़रते आ़इशा (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) सूरत, सीरत, इ़ल्म, अ़मल, फ़साह़त (ख़ुश बयानी), फ़त़ानत (अ़क़्लमन्दी), ज़कावत (ज़ेहन की तेज़ी), अ़क़्ल (और) ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) की मह़बूबिय्यत वग़ैरा हज़ारहा (या'नी हज़ारों) सिफ़ात (ख़ूबियों) की जामेअ़ हैं । ह़क़ येह है कि आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا सारी औ़रतों ह़त्ता कि ख़दीजतुल कुब्रा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا से भी अफ़्ज़ल हैं । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا बहुत अह़ादीस की जामेअ़ (जम्अ़ करने वाली), उ़लूमे क़ुरआनिय्या (क़ुरआने करीम के उ़लूमो फ़ुनून) की माहिर बीबी हैं । (मिरआतुल मनाजीह़, 8 / 501, मुलख़्ख़सन)
मुफ़्ती साह़िब رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ एक दूसरी ह़दीसे पाक के तह़्त फ़रमाते हैं : जनाब (ह़ज़रते सय्यिदा) आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के फ़ज़ाइल रेत के ज़र्रों, आसमान के तारों (Stars) की त़रह़ बे शुमार हैं । आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) रब्बे करीम का तोह़्फ़ा हैं जो ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को अ़त़ा हुईं, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا की इ़स्मतो इ़फ़्फ़त की गवाही ख़ुद रब्बे करीम ने क़ुरआने मजीद में सूरए नूर में दी, ह़ालांकि जनाबे मरयम (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) और यूसुफ़ عَلَیْہِ السَّلَام की इ़स्मत (पाक दामनी) की गवाही बच्चे से दिलवाई गई, उम्मत को तयम्मुम की आसानी आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के सदके़ से मिली, ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) का विसाल आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) के सीने पर हुवा, ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) की आख़िरी आराम गाह आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) का ह़ुजरा है, आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) का लुआ़ब ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) के साथ विसाल के वक़्त जम्अ़ हुवा, आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) के बिस्तर में वह़्य आती थी, आप (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) ख़ुद सिद्दीक़ा (या'नी निहायत सच्ची ख़ातून) हैं और सिद्दीक़ (इन्तिहाई सच्चे इन्सान, या'नी अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदुना अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ) की बेटी हैं । (मिरआतुल मनाजीह़, 8 / 502)
किताब " फै़ज़ाने आ़इशा सिद्दीक़ा" का तआ़रुफ़
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदा आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا की सीरत के बारे में मज़ीद मा'लूमात के लिये दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना की किताब "फै़ज़ाने आ़इशा सिद्दीक़ा" का मुत़ालआ़ करना इन्तिहाई मुफ़ीद है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस किताब में उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदा आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا की इ़ल्मी शानो शौकत का बयान है, इस किताब में आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के फ़रामीन और ज़ौके़ इ़बादत का बयान है, इस किताब में आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا की सख़ावत और इ़श्क़े रसूल वग़ैरा अ़ज़ीम ख़ूबियों