Book Name:Namaz Ki Ahmiyat
ऐ आ़शिक़ाने रसूल इस्लामी बहनो ! जो ख़ुश नसीब इस्लामी बहनें पांचों नमाज़ें अदा करती हैं, अल्लाह पाक इस की बरकत से उन्हें बीमारियों से शिफ़ा अ़त़ा फ़रमाता है । आज हमारे यहां ऐसी नई नई बीमारियां ज़ाहिर हो रही हैं जिन का आज से पहले नाम तक न सुना था, उन के इ़लाज के लिये लाखों रुपये ख़र्च करने के बा वुजूद भी बीमारियां बढ़ती ही जाती हैं । अगर सब मुसलमान अल्लाह पाक और उस के रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के फ़रामीन पर अ़मल करते हुवे नमाज़ की पाबन्दी शुरूअ़ कर दें, तो اِنْ شَآءَ اللہ बीमारियों से नजात मिल सकती है । जैसा कि :
प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़लीशान है : اِنَّ فِی الصَّلٰوۃِ شِفَاءً बेशक नमाज़ में शिफ़ा है । (ابن ماجہ،باب الصلاۃ شفاء،۴/ ۹۸،حدیث: ۳۴۵۸) लिहाज़ा हमें चाहिये कि बीमार हों या तन्दुरुस्त हर ह़ाल में न सिर्फ़ ख़ुद नमाज़ की पाबन्दी करें बल्कि दूसरी इस्लामी बहनों को भी नमाज़ की तरग़ीब दिलाएं ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
ऐ आ़शिक़ाने रसूल इस्लामी बहनो ! नमाज़ एक बहुत ही अ़ज़ीम इ़बादत है । नमाज़ मोमिन के लिये जन्नत में ले जाने वाला बेहतरीन अ़मल है, बदन की आ़जिज़ी, दिलो दिमाग़ की ह़ाज़िरी के साथ दो रक्अ़तें अदा करने वाली के लिये जन्नत वाजिब हो जाती है, दो रक्अ़त नमाज़ दुन्या और जो कुछ इस में है उन सब से बेहतर है, नमाज़ अल्लाह पाक के नज़दीक पसन्दीदा अ़मल है, नमाज़ में हर सजदे के बदले में एक नेकी लिखी जाती, एक गुनाह मिटाया जाता और एक दरजा बुलन्द किया जाता है, नमाज़ पढ़ने वाली को क़ियामत के दिन सलामती के साथ जन्नत में दाख़िल किया जाएगा, नमाज़ से गुनाह झड़ते हैं, नमाज़ गुनाहों के मैल कुचैल को धो देती है, एक नमाज़ पिछली नमाज़ के दौरान होने वाले गुनाहों को धो डालती है, नमाज़ पढ़ने वाली भलाई में रात गुज़ारती है, नमाज़ बुराइयों को मिटा देती है, नमाज़ पढ़ने वाली के लिये मा'सूम फ़िरिश्ते रब्बे करीम की बारगाह में मग़फ़िरत की सिफ़ारिश करते हैं, नमाज़ पढ़ने वाली अल्लाह पाक की ह़िफ़ाज़त में रहती है, नमाज़, नमाज़ पढ़ने वाली के लिये ह़िफ़ाज़त की दुआ़ करती है, नमाज़ पढ़ने वाली को पूरा पूरा बदला दिया जाएगा, नमाज़ शैत़ान का मुंह काला करती है ।
तो आइये ! मिल कर निय्यत करती हैं कि आज से हमारी कोई नमाज़ क़ज़ा नहीं होगी, اِنْ شَآءَ اللہ । पांचों नमाज़ें अदा करेंगी, اِنْ شَآءَ اللہ । दूसरी इस्लामी बहनों को भी नमाज़ों की तरग़ीब दिलाएंगी, اِنْ شَآءَ اللہ । येह मदनी सोच अपनाने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से मज़बूत़ी के साथ वाबस्ता रहते हुवे ज़ैली ह़ल्के़ के 8 मदनी कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लेती रहेंगी, اِنْ شَآءَ اللہ । मदनी इनआ़मात पर अ़मल करती रहेंगी । اِنْ شَآءَ اللہ
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد