Namaz Ki Ahmiyat

Book Name:Namaz Ki Ahmiyat

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम मदनी क़ाफ़िला

          ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! जै़ली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "मदनी क़ाफ़िला" भी है । ٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! मदनी क़ाफ़िला इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने का बेहतरीन ज़रीआ़ है । ٭ मदनी क़ाफ़िला रह़मतों के उतरने का सबब है । ٭ मदनी क़ाफ़िले की बरकत से फ़राइज़ व वाजिबात की पाबन्दी नसीब होती है । ٭ मदनी क़ाफ़िले की बरकत से सुन्नतों पर अ़मल का मौक़अ़ मिलता है । ٭ मदनी क़ाफ़िले की बरकत से इशराक़, चाश्त, अव्वाबीन और तहज्जुद पढ़ने की सआ़दत मिलती है । ٭ मदनी क़ाफ़िले की बरकत से लोगों को नेकी की दा'वत देने वाली सुन्नत पर अ़मल का मौक़अ़ मिलता है ।

          उ़मूमन मदनी क़ाफ़िले मस्जिदों में क़ियाम करते हैं और मसाजिद में इ़बादत की निय्यत से ठहरने वालों की तो क्या ही बात है ! कि प्यारे आक़ा   صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उस ख़ुश नसीब के बारे में तीन बातें इरशाद फ़रमाई हैं : (1) उस से फ़ाइदा ह़ासिल किया जाता है । (2) या वोह ह़िक्मत भरा कलाम करता है । (3) या रह़मत का इन्तिज़ार करने वाला होता है । (الترغیب والترہیب،کتاب الصلوۃ،باب الترغیب فی لزوم المساجد ۔۔۔الخ،۱/۱۶۹،رقم:۵۰۳ ماخوذاً)

            12 मदनी कामों में से इस मदनी काम "मदनी क़ाफ़िला" की तफ़्सीली मा'लूमात जानने के लिये मक्तबतुल मदीना के रिसाले "मदनी क़ाफ़िला" का मुत़ालआ़ कीजिये । तमाम ज़िम्मेदाराने दा'वते इस्लामी बिल ख़ुसूस "मदनी क़ाफ़िला" की मजालिस के निगरान व अराकीन तो इस रिसाले का लाज़िमी मुत़ालआ़ फ़रमाएं । येह रिसाला दा'वते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से पढ़ा भी जा सकता है ।

          इस रिसाले के मुत़ालए़ की बरकत से आप जान सकेंगे : ٭ राहे ख़ुदा में सफ़र के मक़ासिद व अहम्मिय्यत । ٭ मदनी क़ाफ़िले में सफ़र के 14 फ़ज़ाइल व फ़वाइद । ٭ मदनी क़ाफ़िले में सफ़र की निय्यतें । ٭ मदनी क़ाफ़िले का मुख़्तसर जदवल । ٭ मदनी क़ाफ़िलों के तअ़ल्लुक़ से 22 मदनी फूल । ٭ मदनी मुज़ाकरों से मुन्तख़ब मदनी क़ाफ़िले के तअ़ल्लुक़ से मदनी फूल । ٭ मर्कज़ी मजलिसे शूरा के मदनी मशवरों से मुन्तख़ब मदनी फूल । ٭ मदनी क़ाफ़िले के तअ़ल्लुक़ से शरई़ व तन्ज़ीमी एह़तियात़ें और मुफ़ीद मा'लूमात पर मुश्तमिल सुवाल जवाब और इस के इ़लावा बहुत से ख़ुश्बूदार मदनी फूल इस रिसाले में अपनी बहारें लुटा रहे हैं । आइये ! तरग़ीब के लिये मदनी क़ाफ़िले की एक मदनी बहार सुनिये और झूमिये । चुनान्चे,

गुनाहों से नजात मिल गई

          एक इस्लामी भाई आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में आने से पहले गुनाहों की कीचड़ में लिथड़े हुवे थे, जान बूझ कर नमाज़ें क़ज़ा करना, वालिदैन की ना फ़रमानी करना और मुख़्तलिफ़ गुनाहों में मश्ग़ूल रहना उन के मा'मूलात में शामिल था । उन की ज़िन्दगी में बहार कुछ यूं आई कि एक दिन आ़शिक़ाने