Book Name:Namaz Ki Ahmiyat
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! जो ख़ुश नसीब पांचों नमाज़ें अदा करते हैं, अल्लाह पाक उन की रोज़ी में बरकत अ़त़ा फ़रमाता है । आज के इस नाज़ुक दौर में सारा सारा दिन माल कमाने के बा'द भी जिसे देखो वोह येही शिक्वा कर रहा है कि इतने पैसे कमाता हूं फिर भी बरकत नहीं होती ! याद रखिये ! पांचों नमाज़ों की अदाएगी और इन में ख़ुशूअ़ व ख़ुज़ूअ़ और ता'दीले अरकान या'नी रुकूअ़ व सुजूद, क़ौमा और जल्सा में कम अज़ कम एक बार سُبْحٰنَ اللہ कहने की मिक़्दार ठहरने का लिह़ाज़ करते हुवे वाजिबात, सुन्नतों और आदाब का पूरी त़रह़ लिह़ाज़ रखना रिज़्क़ में ख़ैरो बरकत का ज़रीआ़ है । (राहे इ़ल्म, स. 105, माख़ूज़न)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! नमाज़ एक बहुत ही अ़ज़ीम इ़बादत है । नमाज़ मोमिन के लिये जन्नत में ले जाने वाला बेहतरीन अ़मल है, बदन की आ़जिज़ी, दिलो दिमाग़ की ह़ाज़िरी के साथ दो रक्अ़तें अदा करने वाले के लिये जन्नत वाजिब हो जाती है, दो रक्अ़त नमाज़ दुन्या और जो कुछ इस में है उन सब से बेहतर है, नमाज़ अल्लाह पाक के नज़दीक पसन्दीदा अ़मल है, नमाज़ में हर सजदे के बदले में एक नेकी लिखी जाती, एक गुनाह मिटाया जाता और एक दरजा बुलन्द किया जाता है, नमाज़ी क़ियामत के दिन सलामती के साथ जन्नत में दाख़िल किया जाएगा, नमाज़ से गुनाह झड़ते हैं, नमाज़ गुनाहों के मैल कुचैल को धो देती है, एक नमाज़ पिछली नमाज़ के दौरान होने वाले गुनाहों को धो डालती है, नमाज़ी भलाई में रात गुज़ारता है, नमाज़ बुराइयों को मिटा देती है, नमाज़ी जन्नत में दाख़िल होगा, नमाज़ी के लिये मा'सूम फ़िरिश्ते रब्बे करीम की बारगाह में मग़फ़िरत की सिफ़ारिश करते हैं, नमाज़ी अल्लाह पाक की ह़िफ़ाज़त में रहता है, नमाज़, नमाज़ी के लिये ह़िफ़ाज़त की दुआ़ करती है, नमाज़ी पूरा मोमिन है, नमाज़ी को पूरा पूरा बदला दिया जाएगा, नमाज़ शैत़ान का मुंह काला करती है ।
तो आइये ! मिल कर निय्यत करते हैं कि आज से हमारी कोई नमाज़ क़ज़ा नहीं होगी, اِنْ شَآءَ اللہ । पांचों नमाज़ें जमाअ़त के साथ मस्जिद की पहली सफ़ में अदा करेंगे, اِنْ شَآءَ اللہ । दूसरों को भी नमाज़ों की तरग़ीब दिलाएंगे, اِنْ شَآءَ اللہ । मस्जिदों को आबाद करेंगे, اِنْ شَآءَ اللہ । मस्जिद भरो तह़रीक चलाएंगे, اِنْ شَآءَ اللہ और येह मदनी सोच अपनाने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से मज़बूत़ी के साथ वाबस्ता रहते हुवे ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लेते रहेंगे, اِنْ شَآءَ اللہ । मदनी इनआ़मात पर अ़मल और मदनी क़ाफ़िलों में सफ़र करते रहेंगे । اِنْ شَآءَ اللہ