Namaz Ki Ahmiyat

Book Name:Namaz Ki Ahmiyat

की बरकतों से मह़रूम हों । अगर सह़ीह़ त़ौर पर वुज़ू कर के ख़ुशूअ़ व ख़ुज़ूअ़ के साथ उस की तमाम तर ज़ाहिरी व बात़िनी सुन्नतों और आदाब को मल्ह़ूज़ रखते हुवे नमाज़ पढ़ते, तो हम पर भी ज़रूर नमाज़ की बरकतें ज़ाहिर होतीं । अफ़्सोस ! मुसलमानों की एक ता'दाद सिरे से नमाज़ ही नहीं पढ़ती और जो नमाज़ पढ़ते भी हैं, उन में भी कई लोग नमाज़ के बुन्यादी मसाइल नहीं जानते, जिस की वज्ह से नमाज़ में ग़लत़ियों के सबब अपनी नमाज़ें ज़ाएअ़ कर बैठते हैं । लिहाज़ा हमें नमाज़ों की पाबन्दी की पक्की निय्यत करने के साथ साथ नमाज़ों की सह़ीह़ अदाएगी की त़रफ़ भी भरपूर तवज्जोह देनी चाहिये ताकि हमारी नमाज़ें ज़ाएअ़ होने से बच जाएं । अपनी नमाज़ों को ग़लत़ियों से बचाने, इस की अदाएगी का सह़ीह़ त़रीक़ा सीखने और नमाज़ के ज़रूरी मसाइल जानने के लिये शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की किताब "नमाज़ के अह़काम" का मुत़ालआ़ और मदनी क़ाफ़िलों में सफ़र कीजिये, 7 दिन का फै़ज़ाने नमाज़ कोर्स करना भी इन्तिहाई मुफ़ीद है । इस के इ़लावा आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो कर इस के शो'बाजात में अपनी ख़िदमात पेश कीजिये ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे मदनी क़ाफ़िला

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 107 शो'बाजात में नेकी की दा'वत की धूमें मचाने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे मदनी क़ाफ़िला" भी है । इस मजलिस का काम आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के पैग़ाम को सारी दुन्या में आ़म करने के लिये हर इस्लामी भाई को ज़िन्दगी में एक साथ 12 माह, हर 12 माह में 1 माह और हर माह में जदवल के मुत़ाबिक़ 3 दिन के मदनी क़ाफ़िले में सफ़र के लिये तय्यार करना, सफ़र करवाना और नेकी की दा'वत देने वाला बनाना है । इस मजलिस के तह़्त सुन्नतों की तरबिय्यत के लिये आ़शिक़ाने रसूल के बे शुमार मदनी क़ाफ़िले मुख़्तलिफ़ मुल्कों, शहरों, गांवों, देहात वग़ैरा की त़रफ़ सफ़र करते रहते हैं, इ़ल्मे दीन और सुन्नतों की बहारें लुटाते और नेकी की दा'वत की धूमें मचाते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मजलिसे मदनी क़ाफ़िला के तह़्त कई मक़ामात पर दारुस्सुन्नह क़ाइम हैं, जिन में दूरो नज़दीक से आने वाले इस्लामी भाई तरबिय्यत पाते और आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत में सुन्नतों की तरबिय्यत पा कर पूरी दुन्या में नेकी की दा'वत आ़म करते हैं । अल्लाह करीम मजलिसे मदनी क़ाफ़िला को मज़ीद तरक़्क़ियां नसीब फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد