Halal Kay Fazail Aur Haram Ki Waedain

Book Name:Halal Kay Fazail Aur Haram Ki Waedain

से उन्हों ने मदनी बुरक़अ़ सजा लिया और अब तक اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस पर इस्तिक़ामत ह़ासिल है । (अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में ज़िम्मेदार इस्लामी बहन को जम्अ़ करवा दें)

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

मजलिसे जामिआ़तुल मदीना (लिल बनात)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 107 शो'बाजात में नेकी की दा'वत की धूमें मचाने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे जामिआ़तुल मदीना (लिल बनात)" भी है । शरई़ मसाइल की मा'लूमात के लिये दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िला लीजिये । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मजलिसे जामिआ़तुल मदीना (लिल बनात) के तह़्त मुल्क व बैरूने मुल्क में जामिआ़तुल मदीना (लिल बनात) क़ाइम हैं जिन में त़ालिबात दर्से निज़ामी (या'नी आ़लिमा कोर्स) की मुफ़्त ता'लीम ह़ासिल कर रही हैं । लिहाज़ा हिम्मत कीजिये आप भी अपनी बालिग़ा बहनों, बेटियों को जामिअ़तुल मदीना (लिल बनात) में दाख़िल करवाइये और अपने लिये सवाबे जारिया का सामान कीजिये ।

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! बयान को इख़्तिताम की त़रफ़ लाते हुवे सुन्नत की फ़ज़ीलत और चन्द सुन्नतें और आदाब बयान करने की सआ़दत ह़ासिल करती हूं । शहनशाहे नुबुव्वत, मुस्त़फ़ा जाने रह़मत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने जन्नत निशान है : जिस ने मेरी सुन्नत से मह़ब्बत की उस ने मुझ से मह़ब्बत की और जिस ने मुझ से मह़ब्बत की वोह जन्नत में मेरे साथ होगा ।

(مشکاۃ الصابیح،کتاب الایمان،باب الاعتصام بالکتاب والسنۃ،الفصل الثانی،۱/۵۵،حدیث:۱۷۵)

सोने जागने की सुन्नतें और आदाब

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" से सोने जागने की सुन्नतें और आदाब सुनती हैं । ٭ सोने से पहले बिस्तर को अच्छी त़रह़ झाड़ लीजिये ताकि कोई मूज़ी  कीड़ा वग़ैरा हो, तो निकल जाए । ٭ सोने से पहले येह दुआ़ पढ़ लीजिये : اَ للّٰھُمَّ بِاسْمِکَ اَمُوْتُ وَاَحیٰ (तर्जमा : ऐ अल्लाह ! मैं तेरे नाम के साथ ही मरती हूं और जीती हूं (या'नी सोती और जागती हूं) । ( بخاری،۴/۱۹۶،حدیث: ۶۳۲۵) ٭ अ़स्र के बा'द न सोएं, अ़क़्ल ज़ाइल होने का ख़ौफ़ है । फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ : जो अ़स्र के बा'द सोए और उस की अ़क़्ल जाती रहे, तो वोह अपने ही को मलामत करे । (مسند ابی یعلیٰ، حدیث:۴۸۹۷ ،۴ /۲۷۸) ٭ दोपहर को क़ैलूला (या'नी कुछ देर लेटना) मुस्तह़ब (अच्छा) है । (आ़लमगीरी, 5 / 376) ٭ दिन के इब्तिदाई ह़िस्से में सोना या मग़रिब व इ़शा के दरमियान में सोना मकरूह है । (आ़लमगीरी, 5 / 376) ٭ सोने में मुस्तह़ब येह है कि बा त़हारत सोए और कुछ देर सीधी करवट पर सीधे हाथ को रुख़्सार (या'नी गाल) के नीचे रख कर किब्ला रू सोए फिर इस के बा'द बाईं करवट पर । (ऐज़न) ٭ सोते