Halal Kay Fazail Aur Haram Ki Waedain

Book Name:Halal Kay Fazail Aur Haram Ki Waedain

टांगों के दर्द से नजात मिल गई

          ज़मज़म नगर के इस्लामी भाई की टांगों में शदीद दर्द रहता था कि उठना, बैठना दूभर हो गया था, इस दर्द से नजात पाने के लिये उन्हों ने बहुत रक़म ख़र्च की । मुल्के मुर्शिद के कई डॉक्टरों से भी इ़लाज करवाया मगर कुछ इफ़ाक़ा न हुवा । एक मरतबा दा'वते इस्लामी से वाबस्ता एक इस्लामी भाई से उन की मुलाक़ात हुई, दौराने गुफ़्तगू उस ने इस्लामी भाई से अपनी तक्लीफ़ का इज़्हार किया, तो उन्हों ने शफ़्क़त भरे अन्दाज़ में इनफ़िरादी कोशिश की और उन्हें मदनी क़ाफ़िले में सफ़र की बरकात बताते हुवे कहा कि आप ने इतना इ़लाज करवाया है, अगर चाहें तो एक कोशिश येह भी कर के देखें । उन इस्लामी भाई की येह बातें उन के दिल पर असर कर गईं और वोह 3 दिन के मदनी क़ाफ़िले के लिये तय्यार हो गए । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ जब उन्हों ने मदनी क़ाफ़िले में सफ़र किया, तो वहां रो रो कर अपनी बीमारी से शिफ़ा के लिये दुआ़ की, उन की दुआ़ क़बूल हुई और मदनी क़ाफ़िले की बरकत से उन्हें दर्द से नजात मिल गई ।

मजलिसे मदनी क़ाफ़िला

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी दुन्या भर में कमो बेश 107 शो'बाजात में नेकी की दा'वत की धूमें मचाने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे मदनी क़ाफ़िला" भी है । इस मजलिस का काम आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के पैग़ाम को सारी दुन्या में आ़म करने के लिये हर इस्लामी भाई को ज़िन्दगी में एक साथ 12 माह, हर 12 माह में 1 माह और हर माह में जदवल के मुत़ाबिक़ 3 दिन के मदनी क़ाफ़िले में सफ़र के लिये तय्यार करना, सफ़र करवाना और नेकी की दा'वत देने वाला बनाना है । इस मजलिस के तह़्त सुन्नतों की तरबिय्यत के लिये आ़शिक़ाने रसूल के बे शुमार मदनी क़ाफ़िले मुख़्तलिफ़ मुल्कों, शहरों, गांव और देहात वग़ैरा की त़रफ़ सफ़र करते रहते हैं, इ़ल्मे दीन और सुन्नतों की बहारें लुटाते और नेकी की दा'वत की धूमें मचाते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मजलिसे मदनी क़ाफ़िला के तह़्त कई मक़ामात पर दारुस्सुन्नह क़ाइम हैं, जिन में दूरो नज़दीक से आने वाले इस्लामी भाई तरबिय्यत पाते और आ़शिक़ाने रसूल की सोह़बत में सुन्नतों की तरबिय्यत पा कर पूरी दुन्या में नेकी की दा'वत आ़म करते हैं । अल्लाह करीम मजलिसे मदनी क़ाफ़िला को मज़ीद तरक़्क़ियां नसीब फ़रमाए ।

 اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

 صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!     صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

सोने जागने की सुन्नतें और आदाब

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! आइये ! शैख़े त़रीक़त, अमीरे अहले सुन्नत, बानिये दा'वते इस्लामी, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना अबू बिलाल मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के रिसाले "101 मदनी फूल" से सोने जागने की सुन्नतें और आदाब सुनते हैं । ٭ सोने से पहले बिस्तर को अच्छी त़रह़ झाड़ लीजिये ताकि कोई तक्लीफ़ पहुंचाने वाला कीड़ा वग़ैरा हो, तो निकल जाए ٭ सोने से पहले येह दुआ़ पढ़ लीजिये : اَ للّٰھُمَّ بِاسْمِکَ اَمُوْتُ وَاَحیٰ (तर्जमा : ऐ अल्लाह पाक