Rizq Main Tangi Kay Asbab

Book Name:Rizq Main Tangi Kay Asbab

          आइये ! अब सूद की मज़म्मत पर मुश्तमिल 3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सुनिये । चुनान्चे,

सूद की मज़म्मत पर मुश्तमिल

3 फ़रामीने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ

1.   इरशाद फ़रमाया : सूद का एक दिरहम जिस को जान कर कोई खाए, वोह छत्तीस मरतबा बदकारी करने से भी सख़्त है ।

(مسند امام احمد،مسند الانصار، ۸/۲۲۳، حدیث:۲۲۰۱۶)

2.   इरशाद फ़रमाया : शबे मे'राज मेरा गुज़र एक क़ौम पर हुवा जिस के पेट घर की त़रह़ (बड़े बड़े) हैं, उन पेटों में सांप हैं जो बाहर से दिखाई देते हैं । मैं ने पूछा : ऐ जिब्राईल ! येह कौन लोग हैं ? अ़र्ज़ की : येह सूद ख़ोर हैं ।

(ابن ماجه،کتاب التجارات،باب التغلیظ فی الربا،۳/۷۲،حدیث:۲۲۷۳)

3.   इरशाद फ़रमाया : सूद से (ब ज़ाहिर) अगर्चे माल ज़ियादा हो मगर नतीजा येह है कि माल कम होगा । (مسندامام احمد ،مسند عبدالله بن مسعود،۲/۵۰، حدیث:۳۷۵۴)

          अ़ल्लामा अ़ब्दुर्रऊफ़ मनावी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ इस ह़दीसे पाक के तह़्त फ़रमाते हैं : सूद के ज़रीए़ माल में बड़ी तेज़ी से इज़ाफ़ा होता है मगर सूद लेने वाले शख़्स पर (माल की) तबाही व बरबादी के जो दरवाज़े खुलते हैं, उन की वज्ह से वोह माल कम होते होते बिल आख़िर ख़त्म हो जाता है ।

(فیض القدیر،۴/۶۶،تحت الحدیث:۴۵۰۵)

       सूदी माल की हलाकत व तबाही के बारे में इरशादे बारी है :

یَمْحَقُ اللّٰهُ الرِّبٰوا وَ یُرْبِی الصَّدَقٰتِؕ    (پ ۳،البقرة:۲۷۶)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : अल्लाह सूद को मिटाता है और सदक़ात को बढ़ाता है ।

          ह़कीमुल उम्मत, मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान नई़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : इस आयत से दो मस्अले मा'लूम हुवे । (1) एक येह कि मोमिन के लिये सूद में बरकत नहीं, येह गै़र मुस्लिम की ग़िज़ा हो सकती है, मोमिन की नहीं । लिहाज़ा अपने आप को ग़ैर मुस्लिमों पर क़ियास न करो, गै़र मुस्लिम सूद ले कर तरक़्क़ी करेगा, मोमिन ज़कात दे कर । (2) दूसरे येह कि सूद के पैसे से ज़कात, ख़ैरात क़बूल नहीं होते । (नूरुल इ़रफ़ान, पा. 3, अल बक़रह, तह़्तुल आयत : 276, मुल्तक़त़न)

12 मदनी कामों में से एक मदनी काम

"हफ़्तावार मदनी ह़ल्क़ा"

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! अल्लाह करीम, उस के प्यारे रसूल, रसूले मक़्बूल, बीबी आमिना के गुल्शन के महकते फूल صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ और उ़लमाए किराम के इन इरशादात के बा वुजूद भी अगर कोई सूद से बाज़ न आए और उसे अपनी मुआ़शी तरक़्क़ी का ज़रीआ़ समझे, तो येह अल्लाह पाक और उस के मदनी ह़बीब, ह़बीबे लबीब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ना फ़रमानी होगी ।