Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

इस्लामी बहनों के लिये जगह कुशादा करूंगी । ٭ धक्का वग़ैरा लगा, तो सब्र करूंगी, घूरने, झिड़कने और उलझने से बचूंगी । ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ  صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ،  वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वाली की दिलजूई के लिये पस्त आवाज़ से जवाब दूंगी । ٭ इजतिमाअ़ के बा'द ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम व मुसाफ़ह़ा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगी । ٭ दौराने बयान मोबाइल के ग़ैर ज़रूरी इस्ति'माल से बचूंगी, न बयान रीकॉर्ड करूंगी, न ही और किसी क़िस्म की आवाज़ (कि इस की इजाज़त नहीं) । जो कुछ सुनूंगी, उसे सुन और समझ कर, उस पे अ़मल करने और उसे बा'द में दूसरों तक पहुंचा कर नेकी की दा'वत आम करने की सआदत ह़ासिल करूंगी ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की औलादे किराम

        मीठी मीठी इस्लामी बहनो ! रबीउ़ल अव्वल का मुबारक महीना हमारे दरमियान जल्वागर है, हर त़रफ़ मरह़बा या मुस्त़फ़ा की धूमें मची हुई हैं, पूरी दुन्या में आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के फ़ज़ाइलो कमालात और मो'जिज़ात व ख़साइस का ज़िक्र हो रहा है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! अल्लाह करीम ने प्यारे आक़ा, मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को बेटों और बेटियों की ने'मत से भी नवाज़ा था, तो इसी मुनासबत से आज हम अपने मह़बूब आक़ा, मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शहज़ादियों का ज़िक्रे ख़ैर सुनेंगी और उन की सीरत के मुख़्तलिफ़ पहलूओं के बारे में सुनने की सआ़दत ह़ासिल करेंगी ।

          याद रहे ! ह़ुज़ूरे पुरनूर, शाफे़ए़ यौमुन्नुशूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की मुक़द्दस औलाद की ता'दाद सात है, तीन साह़िबज़ादे और चार साह़िब ज़ादियां رِضْوَانُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن (شرح المواہب،۴/۳۱۳) ह़ुज़ूर सरापा नूर, फै़ज़े गन्जूर صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की इन सातों मुक़द्दस औलाद में से सिर्फ़ आप के एक शहज़ादे,