Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

Book Name:Nabi-e-Kareem Ki Mubarak Shehzadiyon Kay Fazail

          इस मदनी काम के बे शुमार दीनी व दुन्यवी फ़वाइद हैं : ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से गुनाहों से बचने का ज़ेहन मिलता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से इ़ल्मे दीन ह़ासिल होता है । ٭ मदनी मुज़ाकरे की बरकत से दीनी मा'लूमात (Islamic Information) के साथ अख़्लाक़ी तरबिय्यत भी नसीब होती है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! इस मदनी काम की बरकत से बे शुमार लोग गुनाहों भरी ज़िन्दगी छोड़ कर नेकियां करने वाले बन गए । आइये ! बत़ौरे तरग़ीब एक मदनी बहार सुनिये और पाबन्दी के साथ मदनी मुज़ाकरे देखने की निय्यत कीजिये । चुनान्चे,

फ़िल्मों, ड्रामों से नजात मिल गई

      बाबुल मदीना की एक इस्लामी बहन फ़िल्में, ड्रामे शौक़ से देखतीं और नमाज़ें क़ज़ा कर दिया करती थीं । एक रोज़ उन्हें दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता एक इस्लामी बहन ने अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के होने वाले मदनी मुज़ाकरे की केसेट सुनने के लिये दी । उन्हों ने मदनी मुज़ाकरा सुनना शुरूअ़ कर दिया । एक सुवाल के जवाब में अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ ने क़ब्र की तन्हाइयों और परेशानियों का ऐसा नक़्शा खींचा कि उन इस्लामी बहन का दिल ख़ौफे़ ख़ुदा से लरज़ उठा और क़ब्र के वह़शत नाक तसव्वुर ने उन के रोंगटे खड़े कर दिये । उन्हों ने घबरा कर उसी वक़्त तमाम गुनाहों से तौबा की और नमाज़ों की पाबन्द बन गईं । इसी मदनी मुज़ाकरे की बरकत से उन्हें फ़िल्मों, ड्रामों की नुह़ूसत से भी नजात मिल गई है ।

(फ़िल्मी अदाकार की तौबा, स. 20)

अगर आप को भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल के ज़रीए़ कोई मदनी बहार या बरकत मिली हो, तो आख़िर में मदनी बहार मक्तब पर जम्अ़ करवा दें ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد