Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool

Book Name:Aala Hazrat Ka Ishq-e-Rasool

(2) जितनी अच्छी निय्यतें ज़ियादा, उतना सवाब भी ज़ियादा ।

बयान सुनने की निय्यतें

  ٭ निगाहें नीची किये ख़ूब कान लगा कर बयान सुनूंगा । ٭ टेक लगा कर बैठने के बजाए इ़ल्मे दीन की ता'ज़ीम की ख़ात़िर जब तक हो सका दो ज़ानू बैठूंगा । ٭ اُذْکُرُوااللّٰـہَ، تُوبُوْا اِلَی اللّٰـہِ صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْبِ،  वग़ैरा सुन कर सवाब कमाने और सदा लगाने वालों की दिलजूई के लिये बुलन्द आवाज़ से जवाब दूंगा । ٭ बयान के बा'द इस्लामी भाइयों से ख़ुद आगे बढ़ कर सलाम करूंगा, हाथ मिलाऊंगा और इनफ़िरादी कोशिश करूंगा ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلٰی مُحَمَّد

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! सफ़रुल मुज़फ़्फ़र का बा बरकत महीना जारी व सारी है । येह वोह मुबारक महीना है जिस को दुन्याए सुन्नियत के अ़ज़ीम पेशवा, इमामे अहले सुन्नत, मुजद्दिदे दीनो मिल्लत, परवानए शम्ए़ रिसालत, 'ला ह़ज़रत, अश्शाह, अल ह़ाफ़िज़, अलह़ाज, इमाम अह़मद रज़ा ख़ान عَلَیْہِ رَحمَۃُ اللّٰہ ِالرَّحْمٰن से एक ख़ास निस्बत ह़ासिल है । आ'ला ह़ज़रत رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ को अल्लाह पाक ने बहुत सी ख़ूबियों और कमालात से नवाज़ा, उन्ही में सब से नुमायां ख़ूबी आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ का "इ़श्के़ रसूल" है । आइये ! इस तअ़ल्लुक़ से आप رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ की सीरत के चन्द ईमान अफ़रोज़ गोशे और कुछ मदनी फूल सुनते हैं ।

'ला ह़ज़रत का इ़श्के़ रसूल

        'ला ह़ज़रत, इमाम अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ दूसरी बार ह़ज के लिये ह़ाज़िर हुवे, तो मदीनए मुनव्वरा زَادَہَا اللّٰہُ شَرَفًا وَّتَعْظِیْمًا में नबिय्ये रह़मत, शफ़ीए़ उम्मत صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ज़ियारत की आरज़ू लिये रौज़ए अत़्हर के सामने देर तक सलातो सलाम पढ़ते रहे मगर पहली रात क़िस्मत में येह सआ़दत न थी । इस मौक़अ़ पर वोह मा'रूफ़ ना'तिया ग़ज़ल लिखी, जिस के मत़्लअ़ (या'नी पहले शे'र) में दामने रह़मत से वाबस्तगी की उम्मीद दिखाई है :

वोह सूए लालाज़ार फिरते हैं

तेरे दिन ऐ बहार फिरते हैं

        शे'र की वज़ाह़त : ऐ बहार ! झूम जा कि तुझ पर बहारों की बहार आने वाली है । वोह देख ! मदीने के ताजदार صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सूए लालाज़ार या'नी जानिबे गुलज़ार तशरीफ़ ला रहे हैं ।