Andheri Qabar

Book Name:Andheri Qabar

الْمُؤْمِنُ یَوْمَ الْقِیَامَۃِ فِیْ ظِلِّ صَدَقَتِہٖ  और बिला शुबा मुसलमान क़ियामत के दिन अपने सदके़ के साए में होगा । (شعب الايمان، باب الزکاة، التحریض علی صدقۃالتطوع،۳/۲۱۲، حديث:۳۳۴۷)

तीसरा अ़मल : तिलावते क़ुरआन करना

ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! क़ब्र में काम आने वाले आमाल में से एक तिलावते क़ुरआन भी है । फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم है : क़ुरआने करीम की तिलावत किया करो कि येह क़ियामत के दिन अपने पढ़ने वालों की शफ़ाअ़त करने के लिए आएगा । (مسلم،کتاب صلاۃ المسافرین و قصرہا،باب فضل قراۃ القرآن…الخ،۳۱۴،حدیث:۱۸۴۷)

          एक और ह़दीसे पाक में है : तीन क़िस्म के लोग बरोज़े क़ियामत सियाह कस्तूरी के टीलों पर होंगे, उन्हें किसी क़िस्म की घबराहट न होगी, न उन से ह़िसाब लिया जाएगा । (उन में से एक) वोह शख़्स है जिस ने रिज़ाए इलाही के लिए क़ुरआने करीम की तिलावत की और लोगों की इमामत की जबकि वोह उस से ख़ुश हों । (شعب الایمان،باب فی تعظیم القرآن،۲/۳۴۸،حدیث:۲۰۰۲) अल्लाह पाक हमें तिलावते क़ुरआन करने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِّ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم

चौथा अ़मल : अल्लाह पाक का ज़िक्र करना

          प्यारे इस्लामी भाइयो ! ह़ज़रते अ़ल्लामा फ़क़ीह अबुल्लैस समरक़न्दी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ के बयान कर्दा क़ब्र में काम आने वाले आमाल में से चौथा अ़मल ज़िक्रे इलाही है । हमारे आक़ा, मदीने वाले मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم का फ़रमान है : जब भी लोग अल्लाह पाक के ज़िक्र के लिए बैठते हैं, तो उन्हें फ़िरिश्ते ढांप लेते हैं, रह़मते इलाही उन्हें अपनी आग़ोश में ले लेती है और उन पर सकीना उतरता है । (مسلم،کتاب الذکر و الدعاء…الخ،باب فضل الاجتماع علی تلاوۃ…الخ،ص ۱۱۱۱ ،   حدیث: ۶۸۵۵)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!        صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! हम ने क़ब्र में काम आने वाले 4 नेक आमाल के मुतअ़ल्लिक़ सुना । ह़ज़रते अ़ल्लामा फ़क़ीह अबुल्लैस समरक़न्दी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہ की बयान कर्दा रिवायत के मुत़ाबिक़ 4 बुरे आमाल ऐसे भी हैं कि क़ब्र में सलामती के लिए उन से बचना अज़ ह़द ज़रूरी है । आइए ! सुनते हैं वोह 4 आमाल कौन कौन से हैं ?

(1) झूट

          रसूले करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّم ने फ़रमाया : झूट गुनाह की त़रफ़ ले जाता है और गुनाह जहन्नम की त़रफ़ ले जाता है । बेशक बन्दा झूट बोलता रेहता है, यहां तक कि अल्लाह पाक के नज़दीक बहुत बड़ा झूटा हो जाता है । (بخاری،کتاب الادب،باب قول  اللہ…الخ،۴/۱۲۵، حدیث:۶۰۹۴) यानी बार बार झूट बोलना बन्दे को अल्लाह पाक की बारगाह में रुस्वा कर देता है ।