Book Name:Ummat e Mustafa Ki Khasusiyaat
शुयूख़ से एक एक रिवायत बयान करें, तो आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने एक हज़ार शुयूख़ से एक हज़ार अह़ादीस ज़बानी बयान कर दीं । (ارشاد السارى،ترجمۃ الامام بخاری ،۱/ ۵۹ملتقطاً)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! उम्मते मह़बूब की ख़ुसूसिय्यात में से एक बेहतरीन ख़ुसूसिय्यत येह भी है कि क़ियामत के दिन जब पिछली उम्मतें अपने नबियों को झुटलाएंगी, तो अल्लाह करीम उम्मते मुस्त़फ़ा को येह शरफ़ अ़त़ा फ़रमाएगा कि उस दिन येह अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام के ह़क़ में गवाही देगी । जैसा कि :
नबियों के ह़क़ में उम्मते मह़बूब की गवाही
नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : बेशक अल्लाह करीम क़ियामत के दिन सब से पेहले ह़ज़रते नूह़ عَلَیْہِ السَّلَام और उन की उम्मत को बुलाएगा और फ़रमाएगा : तुम ने नूह़ को क्या जवाब दिया था ? वोह कहेंगे : इन्हों ने न हमें कभी दावत दी, न तेरा कोई ह़ुक्म पहुंचाया, न कभी नसीह़त की, न हमें किसी चीज़ का ह़ुक्म दिया और न मन्अ़ किया । ह़ज़रते नूह़ عَلَیْہِ السَّلَام अ़र्ज़ करेंगे : ऐ मेरे रब्बे करीम ! मैं ने इन्हें ऐसी दावत दी जो पिछलों और अगलों सब को शामिल थी । अल्लाह करीम फ़िरिश्तों से फ़रमाएगा : अह़मद (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) और उन की उम्मत को बुलाओ । तो नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ और आप (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) की उम्मत इस शान से ह़ाज़िर होंगे कि उन का नूर उन के आगे आगे होगा । ह़ज़रते नूह़ عَلَیْہِ السَّلَام, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ और आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उम्मत से कहेंगे : क्या आप जानते हैं कि मैं ने अपनी क़ौम को अल्लाह पाक का पैग़ाम पहुंचा दिया था और इन्हें समझाने की बहुत कोशिशें की थीं, इन्हें दोज़ख़ से बचाने की कोशिशें कीं लेकिन फिर भी येह मेरी दावत से दूर भागते रहे । तो रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ और आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उम्मत कहेंगे : हम गवाही देते हैं कि आप ने जो कुछ कहा है, वोह सब सच है । इस पर ह़ज़रते नूह़ عَلَیْہِ السَّلَام की क़ौम कहेगी : ऐ अह़मद (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) ! आप को और आप की उम्मत को इस का इ़ल्म कैसे हुवा ? हम सब से पेहली उम्मत हैं जब कि आप और आप की उम्मत सब से आख़िर में तशरीफ़ लाए हैं, तो मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सूरए नूह़ तिलावत फ़रमाएंगे । जब आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ सूरत ख़त्म फ़रमाएंगे, तो आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उम्मत कहेगी कि हम गवाही देते हैं कि येह सच्चा वाक़िआ़ है और अल्लाह पाक के सिवा कोई माबूद नहीं और बेशक अल्लाह पाक ही ग़ालिब ह़िक्मत वाला है । (مستدرک، کتاب: تواریخ المتقد مین من الانبیاء والمرسلین،شہادۃ نبینا وامتہ…الخ، ۳/ ۴۱۴، حدیث:۴۰۶۶)