Tabarukat Ki Barakaat

Book Name:Tabarukat Ki Barakaat

सह़ाबा है, इन में शिफ़ा है । आबे ज़मज़म ह़ज़रते इस्माई़ल عَلَیْہِ السَّلَام की ऐड़ी से पैदा हुवा, तमाम बीमारियों के लिये शिफ़ा है । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 98, मुलख़्ख़सन)

          बाज़ ह़ज़रात, उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا की ख़िदमत में ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) के तबर्रुकात की ज़ियारत करने आया करते, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا उन्हें ज़ियारत कराती थीं । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 91, मुलख़्ख़सन)

        मुस्लिम शरीफ़ की एक और रिवायत में है, ह़ज़रते अनस رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ फ़रमाते हैं : मैं ने नबिय्ये पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को अपने इस पियाले से हर क़िस्म के शरबत, शह्द, नबीज़, पानी और दूध पिलाए हैं । (مسلم،کتاب الاشربۃ، باب اباحۃالنبیذ …الخ،ص ۸۵۷،حدیث:۲۰۰۸)

        ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान नई़मी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ इस ह़दीसे पाक के तह़त फ़रमाते हैं : ह़ज़रते अनस رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के हाथ में एक लक्ड़ी का पियाला था । आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने लोगों को दिखा कर फ़रमाया : इस पियाले से मैं ने ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को बहुत क़िस्म के शरबत और दूध पिलाया है, यानी येह पियाला बड़ा ही बरकत वाला है कि इसे ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के हाथ और लब कई बार लगे हैं । मालूम हुवा ! ह़ज़राते सह़ाबा (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم اَجْمَعِیْن), ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के इस्तिमाली बरतनों को बरकत के लिये अपने पास रखते थे और लोगों को उस की ज़ियारत कराते थे ।

        मस्नवी शरीफ़ में है : ह़ज़रते जाबिर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के घर वोह कपड़े का दस्तरख़ान था जिस से ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने हाथ व मुंह पोंछ (साफ़ कर) लिये थे, जब वोह मैला (Dirty) हो जाता था, तो उसे आग में डाल देते, मैल जल जाता, कपड़ा मह़फ़ूज़ रहता था । (मिरआतुल मनाजीह़, 6 / 81, मुल्तक़त़न व मुलख़्ख़सन)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! मालूम हुवा ! सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان का येह अ़क़ीदा था कि रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के तबर्रुकात में बरकतें ही बरकतें हैं । हमें भी येही अ़क़ीदा रखना चाहिये और बुज़ुर्गों से मन्सूब तबर्रुकात मसलन उन के लिबास, इस्तिमाल की चीज़ें, रहने की जगहें, अल ग़रज़ ! उन से निस्बत रखने वाली कोई भी चीज़ हो, हमें उस का अदब और एह़तिराम करना चाहिये ।

          इस में कुछ शक नहीं कि नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से शिफ़ाएं मिलती हैं, नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से फै़ज़ पाना अम्बियाए किराम عَلَیْہِمُ السَّلَام का त़रीक़ा है । नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से रिज़्क़ में कुशादगी होती है, नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से सुकून मिलता है, तबर्रुकात की बरकतों से फै़ज़ पाना सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان का त़रीक़ा रहा है, नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से दुन्या व आख़िरत की परेशानियां दूर होती हैं, नेक लोगों के तबर्रुकात की बरकतों से दुआ़एं क़बूल होती हैं, नेक