Book Name:Tabarukat Ki Barakaat
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! ग़ौर कीजिये ! ह़ज़रते बिशरे ह़ाफ़ी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के हाथ लगाए हुवे ख़रबूज़े का अदब करने की वज्ह से उन नौजवानों के दिलों की दुन्या बदल गई, उन्हों ने गुनाहों से तौबा की और शहादत के अ़ज़ीम मर्तबे पर फ़ाइज़ हुवे । इस ह़िकायत से हमें येह सबक़ मिला ! अगर बुज़ुर्गों से निस्बत रखने वाली किसी चीज़ का दिल से एह़तिराम किया जाए, तो दीनो दुन्या की सआ़दतों से हमें भी ह़िस्सा मिल सकता है ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! जिस त़रह़ तबर्रुकात की ताज़ीम और एह़तिराम करने से कई फ़ाइदे मिलते हैं और बरकतें नसीब होती हैं, इसी त़रह़ अगर उन की ताज़ीम न की जाए और उन की बे अदबी व तौहीन की जाए, तो बसा अवक़ात दुन्या में ही इस की सज़ा भी मिल जाती है । इस की सब से वाज़ेह़ मिसाल "ताबूते सकीना" है । चुनान्चे,
मक्तबतुल मदीना की किताब "अ़जाइबुल क़ुरआन मअ़ ग़राइबुल क़ुरआन" के सफ़ह़ा नम्बर 52-53 पर लिखा है : (ताबूते सकीना) शमशाद की लक्ड़ी का एक सन्दूक़ था जो ह़ज़रते आदम عَلَیْہِ السَّلَام पर उतरा, जो सारी ज़िन्दगी आप عَلَیْہِ السَّلَام के पास ही रहा फिर विरासत के त़ौर पर नस्ल दर नस्ल होता हुवा आप عَلَیْہِ السَّلَام की औलाद को मिलता रहा । येह बड़ा ही मुक़द्दस और बरकत वाला सन्दूक़ (Box) था, बनी इसराईल में जब कोई इख़्तिलाफ़ पैदा होता था, तो लोग इसी सन्दूक़ से फै़सला कराते थे, सन्दूक़ से फै़सले की आवाज़ और फ़त्ह़ की ख़ुश ख़बरी सुनी जाती थी । बनी इसराईल इस सन्दूक़ को वसीला बना कर दुआ़एं मांगते थे, तो उन की दुआ़एं मक़्बूल होती थीं, बलाओं की मुसीबतें और बीमारियों की आफ़तें टल जाया करती थीं, अल ग़रज़ ! येह सन्दूक़ बनी इसराईल के लिये ताबूते सकीना, बरकत व रह़मत का ख़ज़ाना और मददे इलाही के उतरने का निहायत मुक़द्दस और बेहतरीन ज़रीआ़ था मगर जब बनी इसराईल त़रह़ त़रह़ के गुनाहों में मुलव्वस हो गए और उन लोगों में गुनाह व ना फ़रमानी का दौर दौरा हो गया, तो उन की बद आमालियों की नुह़ूसत से उन पर ख़ुदा पाक का येह अ़ज़ाब उतरा कि क़ौमे अ़मालिक़ा के बदबख़्तों ने एक लश्कर के साथ उन लोगों पर ह़मला कर दिया, इन लोगों ने बनी इसराईल का क़त्ले आ़म कर के उन की बस्तियों को तबाहो बरबाद कर डाला, इ़मारतों को तोड़ फोड़ कर सारे शहर को तबाहो बरबाद कर डाला और बरकत वाले सन्दूक़ को भी उठा कर ले गए । इस मुक़द्दस तबर्रुक को गन्दगी के कूड़े ख़ाने में फेंक दिया लेकिन इस बे अदबी का क़ौमे अ़मालिक़ा पर येह वबाल पड़ा कि येह लोग त़रह़ त़रह़ की बीमारियों और बलाओं में जकड़ दिये गए । चुनान्चे, क़ौमे अ़मालिक़ा के 5 शहर बिल्कुल बरबाद और वीरान हो गए, यहां तक कि इन बद नसीबों को यक़ीन हो गया कि येह सब सन्दूके़ रह़मत की बे अदबी का अ़ज़ाब है, लिहाज़ा उन की आंखें ख़ुल गईं । चुनान्चे, इन लोगों ने उस मुक़द्दस सन्दूक़ को