Narmi Kaisy Paida Karain

Book Name:Narmi Kaisy Paida Karain

जवान रहेगा, कभी बुढ़ापा न आएगा, मरते दम तक उस की बादशाहत बाक़ी रहेगी, खाने, पीने और निकाह़ की लज़्ज़तें मरने तक बाक़ी रहेंगी और मरने के बाद जन्नत में दाख़िला भी नसीब होगा । जब ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام ने फ़िरऔ़न

से येह वादे किये, तो उसे येह बात बहुत पसन्द आई लेकिन वोह किसी काम पर (अपने वज़ीर) हामान से मशवरा लिये बिग़ैर फै़सला नहीं करता था और उस वक़्त हामान मौजूद न था (इस लिये उस ने कोई फै़सला न किया) । जब वोह आया, तो फ़िरऔ़न ने उसे येह ख़बर दी और कहा : मैं चाहता हूं कि ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام की हिदायत पर ईमान क़बूल कर लूं । येह सुन कर हामान कहने लगा : मैं तो तुझे समझदार समझता था (लेकिन येह क्या) तू रब है और बन्दा बनना चाहता है, तू माबूद है और आ़बिद बनने की ख़्वाहिश करता है ? फ़िरऔ़न ने कहा : तू ने ठीक कहा (यूं वोह ईमान लाने से मह़रूम रहा) । (تفسیرخازن،۳/۲۵۴،طٰہٰ،تحت الآیۃ: ۴۴)

रह़मते इलाही की झलक

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! "तफ़्सीरे सिरात़ुल जिनान" में लिखा है : इस आयत से अल्लाह पाक की रह़मत की झलक भी नज़र आती है कि अपनी बारगाह के बाग़ी और ना फ़रमान के साथ किस त़रह़ उस ने नर्मी फ़रमाई और जब अपने ना फ़रमान बन्दे के साथ उस की नर्मी का येह ह़ाल है तो फ़रमां बरदार बन्दे के साथ उस की नर्मी कैसी होगी ? ह़ज़रते यह़्या बिन मुआ़ज़ رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ के सामने जब इस आयत की तिलावत की गई, तो आप رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ रोने लगे और अ़र्ज़ की : (ऐ रब्बे करीम) ! येह तेरी उस बन्दे के साथ नर्मी है जो कहता है कि मैं माबूद हूं । तो उस बन्दे के साथ तेरी नर्मी का क्या ह़ाल होगा जो कहता है कि सिर्फ़ तू ही माबूद है और येह तेरी उस बन्दे के साथ नर्मी है जो कहता है : मैं तुम लोगों का सब से आला रब हूं । तो उस बन्दे के साथ तेरी नर्मी का क्या आ़लम होगा जो कहता है : मेरा रब वोह है जो सब से बुलन्द है । (सिरात़ुल जिनान, 6 / 202, मुलख़्ख़सन)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد