Narmi Kaisy Paida Karain

Book Name:Narmi Kaisy Paida Karain

खाने में से उसे भी खिला, तेरा दिल नर्म हो जाएगा और तेरी ह़ाजतें भी पूरी होंगी । (مصنف عبد الرزاق،کتاب الجامع،باب اصحاب الاموال،۱۰/۱۳۵، حدیث: ۲۰۱۹۸)

7﴿...दिल की सख़्ती के नुक़्सानात पर ग़ौर कीजिये !

          दिल की सख़्ती की नुह़ूसत येह है कि उस पर नसीह़त की कोई बात असर नहीं करती, दिल नेकियों की त़रफ़ माइल नहीं होता, दिल की सख़्ती की वज्ह से इन्सान अल्लाह पाक की नाराज़ी और उस की त़रफ़ से लानत (यानी उस की रह़मत से दूरी) का ह़क़दार हो जाता है ।

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

ज़ीनत की सुन्नतें और आदाब

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आइये ! मक्तबतुल मदीना की किताब "सुन्नतें और आदाब" से ज़ीनत की सुन्नतें और आदाब सुनिये : ٭ इन्सान के बालों की चोटी बना कर औ़रत अपने बालों में गूंधे, येह ह़राम है । ह़दीसे मुबारक में उस पर लानत आई बल्कि उस पर भी लानत आई है जिस ने किसी दूसरी औ़रत के सर में इन्सानी बालों की चोटी गूंधी । (درمختار،کتاب الحظروالاباحۃ،باب فی النظرِ والمس،۹/۶۱۴تا ۶۱۵) ٭ अगर वोह बाल जिस की चोटी बनाई गई, ख़ुद उस औ़रत के अपने बाल हैं जिस के सर में जोड़ी गई, जब भी नाजाइज़ है । (درمختار، کتاب الحظروالاباحۃ،ج۹،ص۶۱۴تا ۶۱۵) ٭ औ़रतों को हाथ, पाउं में मेहंदी लगाना जाइज़ है । छोटे बच्चों के हाथ, पाउं में मेहंदी लगाना नाजाइज़ है, बच्चियों को मेहंदी लगाने में ह़रज नहीं । (ردالمحتار،کتاب الحظر والاباحۃ،فصل فی اللبس،۹/۵۹۹ ملتقطاً) ٭ जिस त़रह़ मर्दों को औ़रतों की नक़्ल जाइज़ नहीं, इसी त़रह़ औ़रतें भी मर्दों की नक़्ल नहीं कर सकतीं । जैसा कि ह़ज़रते सय्यिदुना इबने अ़ब्बास رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھُمَا से रिवायत है कि रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم ने लानत फ़रमाई ज़नाना मर्दों पर जो औ़रतों की सूरत बनाएं और मर्दानी औ़रतों पर जो मर्दों की सूरत बनाएं । (مسند امام احمد،مسند عبد اللہ بن عباس، حدیث:۲۲۶۳،۱/ ۵۴۰) ٭ ख़वातीन अपने शौहर के लिये जाइज़ अश्या के ज़रीए़ मगर घर की चार दीवारी में ज़ीनत करें लेकिन मेकअप कर के