Book Name:Narmi Kaisy Paida Karain
इस्लामी भाई इ़मामा शरीफ़ सजाए ह़ाज़िर हुवे और कुछ इस त़रह़ अ़र्ज़ की : ह़ुज़ूर ! चन्द साल पहले एक नौजवान ने आप को (مَعَاذَ اللّٰہ) फ़िल्म देखने की दावत दी थी और आप ने बरदाश्त व नर्मी फ़रमाते हुवे नाराज़ होने के बजाए इजतिमाअ़ में शिर्कत की दावत पेश की थी, वोह नौजवान मैं ही हूं, मैं आप के अच्छे अख़्लाक़ से बेह़द मुतअस्सिर हुवा और एक दिन इजतिमाअ़ में आ गया फिर आप की नज़रे करम हो गई और اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! मैं गुनाहों से तौबा कर के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो गया । (तआ़रुफे़ अमीरे अहले सुन्नत, स. 40, मुलख़्ख़सन)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़"
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! अल्लाह पाक और उस के प्यारे रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के अह़काम के मुत़ाबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारने, नमाज़, रोज़ा, और नफ़्ल इ़बादात की पाबन्दी करने और बुज़ुर्गाने दीन رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की सीरत पर अ़मल का जज़्बा बढ़ाने के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाइये और ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में ख़ूब बढ़ चढ़ कर ह़िस्सा लीजिये । ज़ैली ह़ल्के़ के 12 मदनी कामों में से एक मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़" भी है ।
٭ اَلْحَمْدُ لِلّٰہ हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ में तिलावत व नात और इ़ल्मे दीन से भरपूर सुन्नतों भरा इस्लाह़ी बयान सुनने, इजतिमाई़ त़ौर पर ज़िक्रुल्लाह करने, रिक़्क़त अंगेज़ दुआ़ में अपने गुनाहों से तौबा करने के साथ साथ बुरी सोह़बत से बचने और अच्छी सोह़बत इख़्तियार करने के मवाके़अ़ भी मिलते हैं । ٭ यक़ीनन अच्छी सोह़बत इख़्तियार करना और मिल कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करना फ़ज़ीलत वाला अ़मल है । फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : जब लोग किसी मजलिस में जम्अ़ हो कर अल्लाह करीम का ज़िक्र करते हैं फिर जब वोह फ़ारिग़ होते हैं, तो उन से कहा जाता है : खड़े हो जाओ ! बेशक तुम्हारे गुनाहों को बख़्श दिया गया और तुम्हारी बुराइयों को नेकियों से बदल दिया गया है । (شعب الایمان، باب فی محبۃ اللہ،۱/۴۵۴،حدیث:۶۹۵)
12 मदनी कामों में से हफ़्तावार इस मदनी काम "हफ़्तावार इजतिमाअ़" की तफ़्सीली मालूमात जानने के लिये मक्तबतुल मदीना के रिसाले "हफ़्तावार इजतिमाअ़" का मुत़ालआ़ कीजिये, तमाम ज़िम्मेदाराने दावते इस्लामी बिल ख़ुसूस हफ़्तावार इजतिमाअ़ की मजालिस के निगरान व अराकीन तो इस रिसाले का लाज़िमी मुत़ालआ़ फ़रमाएं । येह रिसाला मक्तबतुल मदीना पर दस्तयाब होने के साथ साथ दावते इस्लामी की वेबसाइट www.dawateislami.net से भी पढ़ा जा सकता है ।
इस रिसाले के मुत़ालए़ की बरकत से आप जान सकेंगे : ٭ इजतिमाआ़त की अहम्मिय्यत । ٭ दावते इस्लामी और इजतिमाआ़त का एहतिमाम । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ क्या है ? ٭ इजतिमाअ़ का मुकम्मल शिड्यूल । ٭ इजतिमाअ़ में शिर्कत करने के 13 फ़ज़ाइलो बरकात । ٭ हफ़्तावार इजतिमाअ़ से मुतअ़ल्लिक़ मर्कज़ी मजलिसे शूरा के