Narmi Kaisy Paida Karain

Book Name:Narmi Kaisy Paida Karain

ख़ुशी के मौक़अ़ पर उसे मुबारक बाद दे और उस के साथ ख़ुशी में शिर्कत ज़ाहिर करे । ٭ उस की ख़त़ाओं को मुआ़फ़ करे । ٭ छत से उस के घर में न झांके । ٭ उस के घर का रास्ता तंग न करे । ٭ वोह अपने घर में जो कुछ ले जा रहा है, उसे देखने की कोशिश न करे । ٭ उस के ऐ़बों पर पर्दा डाले । ٭ अगर वोह किसी ह़ादिसे या तक्लीफ़ का शिकार हो, तो फ़ौरी त़ौर पर उस की मदद करे । ٭ जब वोह घर में मौजूद न हो, तो उस के घर की ह़िफ़ाज़त से ग़फ़्लत न करे । ٭ उस के ख़िलाफ़ कोई बात न सुने और उस के अहले ख़ाना से निगाहों को नीची रखे । ٭ उस के बच्चों से नर्म गुफ़्तगू करे । ٭ उसे जिन दीनी या दुन्यवी उमूर का इ़ल्म न हो, उन के बारे में उस की रहनुमाई करे । (इह़याउल उ़लूम, 2 / 267, मुलख़्ख़सन)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد