Faizan e Sahaba O Ahle Bait

Book Name:Faizan e Sahaba O Ahle Bait

1.      इरशाद फ़रमाया : बेशक अल्लाह पाक ने मुझे चुन लिया और मेरे लिये मेरे अस्ह़ाब (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم) को पसन्द फ़रमाया फिर उन में से मेरे वज़ीर, मदद करने वाले और रिश्तेदार बनाए, فَمَنْ سَبَّہُمْ पस जो उन्हें गाली देगा, فَعَلَیْہِ لَعْنَۃُ اللّٰہِ وَالْمَلَائِکَۃِ وَالنَّاسِ اَجْمَعِیْنَ उस पर अल्लाह पाक, उस के फ़िरिश्ते और तमाम लोगों की लानत है, لَایَقْبَلُ اللّٰہُ مِنْہُ یَوْمَ الْقِیَامَۃِ صَرْفًا وَّلَا عَدْلًا क़ियामत के दिन अल्लाह पाक न उस का कोई फ़र्ज़ क़बूल फ़रमाएगा, न नफ़्ल । (الصواعق المحرقہ، ص۴)

2.      इरशाद फ़रमाया : मेरे सह़ाबा के बारे में अल्लाह पाक से डरते रहो ! मेरे बाद इन्हें (इल्ज़ामात और बुरी बातों का) निशाना मत बनाना, पस जिस ने इन से मह़ब्बत की, तो उस ने मुझ से मह़ब्बत की वज्ह से ऐसा किया और जिस ने इन से दुश्मनी रखी, तो उस ने (ह़क़ीक़त में) मुझ से दुश्मनी की वज्ह से ऐसा किया, जिस ने इन्हें अज़िय्यत दी, उस ने मुझे अज़िय्यत दी और जिस ने मुझे अज़िय्यत दी, उस ने अल्लाह पाक को अज़िय्यत दी और जो अल्लाह पाक को ईज़ा दे, अ़न क़रीब अल्लाह पाक उस की पकड़ फ़रमाएगा । (مشکاۃ،کتاب المناقب،باب مناقب الصحابہ ،۲/ ۴۱۴،حدیث:۶۰۱۴)

3.      इरशाद फ़रमाया : जिस ने मेरे अस्ह़ाब के बारे में बुरी बात कही, तो वोह मेरे त़रीके़ से हट गया, उस का ठिकाना आग है । (الریاض النضرۃ، الباب الاول ،ذکر ماجاء فی الحث علی حبہم والاحسان الیہم …الخ ،۱/۲۲)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! वाके़ई़ सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم की शान में गुस्ताख़ियां करने और उन के बारे में बुरी बातें करने वाले लोग बहुत बद नसीब हैं । सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم तो वोह मुक़द्दस हस्तियां हैं कि पूरी उम्मत में जो शानो अ़ज़मत उन्हें नसीब हुई, वोह किसी ग़ैरे सह़ाबी को ह़ासिल नहीं हो सकती । चुनान्चे, नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़लीशान है : तुम्हारा पहाड़ भर सोना ख़ैरात करना, मेरे किसी सह़ाबी के सवा सेर जव ख़ैरात करने बल्कि इस के आधे के बराबर भी नहीं हो सकता । (بخاری، کتاب فضائل اصحاب النبی،باب قول النبی لو کنت متخذا خلیلا، ۲ /۵۲۲،حدیث: ۳۶۷۳)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! मालूम हुवा ! सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी रखने वाले, अल्लाह पाक, उस के फ़िरिश्तों और तमाम लोगों की लानत के ह़क़दार हैं, इस लिये हमें सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم के साथ हमेशा प्यार और अदब का तअ़ल्लुक़ रखना चाहिये । अल्लाह पाक हमें सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم की मह़ब्बत में हमेशा गुम रखे, उन की मह़ब्बत का चराग़ हमारे दिलों में सदा रौशन रहे और हम येही जलता हुवा चराग़ ले कर क़ब्र में जाएं और इस की बरकत से हमारी क़ब्र का अन्धेरा दूर हो जाए । آمِیْن

अहले बैत رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم की मह़ब्बत की अहम्मिय्यत

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم के साथ साथ अहले बैते अत़्हार رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से मह़ब्बतो अ़क़ीदत का दम भरना भी ज़रूरी है । सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से मह़ब्बत हो और दिल مَعَاذَ اللّٰہ अहले बैते अत़्हार رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم की दुश्मनी से भरा हो या अहले बैत رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم की मह़ब्बत तो दिल में हो, साथ ही सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से مَعَاذَ