Faizan e Sahaba O Ahle Bait

Book Name:Faizan e Sahaba O Ahle Bait

اللّٰہ दुश्मनी के बीज भी दिल में हों, ऐसा हरगिज़ नहीं होना चाहिये । लिहाज़ा सह़ाबए किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم हमारे प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के सच्चे और वफ़ा करने वाले साथी हैं, तो अहले बैते अत़्हार رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم, आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की औलाद हैं । मुस्त़फ़ा करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से अपनी सच्ची मह़ब्बत का इज़्हार करने के लिये हमें भी अपने दिल में अहले बैत की मह़ब्बत रखनी चाहिये ।

        नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने शफ़ाअ़त निशान है : जो शख़्स वसीला ह़ासिल करना चाहता है और येह चाहता है कि मेरी बारगाह में उस की कोई ख़िदमत हो जिस के सबब मैं क़ियामत के दिन उस की शफ़ाअ़त करूं, उसे चाहिये कि मेरे अहले बैत (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم) की ख़िदमत करे और उन्हें ख़ुश करे । (बरकाते आले रसूल, स. 110)

          سُبْحٰنَ اللّٰہ ! किस क़दर ख़ुश क़िस्मत है वोह इस्लामी बहन जो मदनी रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की आले पाक को ख़ुश करने वाले काम करे और इसी वज्ह से वोह रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की शफ़ाअ़त की उम्मीद वार बन जाए जब कि कितनी बद नसीब है वोह जो अहले बैते पाक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी रखे और उसी दुश्मनी में ज़िन्दगी गुज़ार दे ।

          याद रखिये ! जिस त़रह़ अहले बैते पाक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से मह़ब्बत करना, रसूलुल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से मह़ब्बत करना है, ऐसे ही अहले बैते पाक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी रखना गोया आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से दुश्मनी है । वोह लोग जो अहले बैते पाक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी रखते हैं और उन की शान में बक्वासात करते हैं, ऐसों को सोचना चाहिये कि कल क़ियामत के दिन जब नबिय्ये रह़मत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ इन से मुंह मोड़ लेंगे, तो फिर येह किधर जाएंगे । आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने ख़ुद अपने अहले बैत رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी रखने पर वई़दें इरशाद फ़रमाई हैं । आइये ! इ़ब्रत के लिये 3 वई़दें सुनती हैं :

1.      जो अहले बैत (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم) से जंग करे, मैं उस से जंग करने वाला हूं और जो इन से सुल्ह़ करे, उस की मुझ से सुल्ह़ है । (ترمذی،کتاب المناقب،باب فضل فاطمۃ،۵/۴۶۵،حدیث: ۳۸۹۶)

2.      ख़बरदार ! जो शख़्स अहले बैत (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم) की दुश्मनी पर मरा, वोह क़ियामत के दिन इस ह़ाल में आएगा कि उस की दोनों आंखों के दरमियान लिखा होगा : येह अल्लाह पाक की रह़मत से ना उम्मीद है । (الشرف المؤبد،ص۷۹)

3.      जो शख़्स अहले बैत (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم) से दुश्मनी या ह़सद करेगा, उसे क़ियामत के दिन ह़ौज़े कौसर से आग के कोड़ों से दूर किया जाएगा । (کنزالعمال،کتاب الفضائل،الجزء الثانی عشر،۶/۴۸،حدیث: ۳۴۱۹۸)

        प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! ग़ौर कीजिये ! अहले बैते किराम رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہُم से दुश्मनी कितनी ख़त़रनाक है कि इन से जंग करना गोया आक़ा करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से जंग करना है और इन से जंग करना क़ियामत के दिन अल्लाह पाक की रह़मत से दूरी का सबब है । इसी त़रह़ इन से जंग करना क़ियामत में ह़ौज़े कौसर से मह़रूमी का सबब है, वोह ह़ौज़े कौसर जिस से नेक लोग सैराब हो रहे होंगे और शाहे कौसर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के दस्ते मुबारक से भरे हुवे जाम पी रहे होंगे, येह कितनी बड़ी बद नसीबी है । अल्लाह पाक