Museebaton Per Sabr Ka Zehin Kaisey Banay

Book Name:Museebaton Per Sabr Ka Zehin Kaisey Banay

        ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام के इस वाक़िए़ को क़ुरआने करीम में भी बयान किया गया है । चुनान्चे, पारह 17, सूरतुल अम्बिया की आयत नम्बर 83 और 84 में इरशादे रब्बानी है :

وَ اَیُّوْبَ اِذْ نَادٰى رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الضُّرُّ وَ اَنْتَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَۚۖ(۸۳) فَاسْتَجَبْنَا لَهٗ فَكَشَفْنَا مَا بِهٖ مِنْ ضُرٍّ وَّ اٰتَیْنٰهُ اَهْلَهٗ وَ مِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِنَا وَ ذِكْرٰى لِلْعٰبِدِیْنَ(۸۴)(پ۱۷،الانبیاء:۸۴-۸۳)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : और अय्यूब को (याद करो) जब उस ने अपने रब को पुकारा कि बेशक मुझे तक्लीफ़ पहुंची है और तू सब रह़म करने वालों से बढ़ कर रह़म करने वाला है । तो हम ने उस की दुआ़ सुन ली, तो जो उस पर तक्लीफ़ थी वोह हम ने दूर कर दी और हम ने अपनी त़रफ़ से रह़मत फ़रमा कर और इ़बादत गुज़ारों को नसीह़त की ख़ात़िर अय्यूब को उस के घर वाले और उन के साथ उतने ही और अ़त़ा कर दिये ।

ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام की बीमारी

          दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना की किताब "अ़जाइबुल क़ुरआन मअ़ ग़राइबुल क़ुरआन" के सफ़ह़ा नम्बर 181 और 182 पर लिखा है : आ़म त़ौर पर लोगों में मश्हूर है कि مَعَاذَاللّٰہ आप عَلَیْہِ السَّلَام को कोढ़ की बीमारी हो गई थी । चुनान्चे, बा'ज़ ग़ैर मो'तबर किताबों में आप عَلَیْہِ السَّلَام के कोढ़ के बारे में बहुत सी ग़ैर मो'तबर दास्तानें भी तह़रीर हैं मगर याद रखो ! येह सब बातें बिल्कुल ग़लत़ हैं और हरगिज़ हरगिज़ आप عَلَیْہِ السَّلَام या कोई नबी عَلَیْہِ السَّلَام कभी कोढ़ की बीमारी में मुब्तला नहीं हुवे, इस लिये कि अम्बिया عَلَیْہِمُ السَّلَام का तमाम उन बीमारियों से मह़फ़ूज़ रहना ज़रूरी है जो अ़वाम के नज़दीक बाइ़से नफ़रत व ह़क़ारत हैं क्यूंकि अम्बिया عَلَیْہِمُ السَّلَام का येह फ़र्ज़े मन्सबी है कि वोह तब्लीग़ व हिदायत करते रहें, तो ज़ाहिर है कि जब अ़वाम उन की बीमारियों से नफ़रत कर के उन से दूर भागेंगे, तो भला तब्लीग़ का फ़रीज़ा क्यूं कर अदा हो सकेगा ? अल ग़रज़ ! ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام हरगिज़ कभी कोढ़ की बीमारी में मुब्तला नहीं हुवे बल्कि आप عَلَیْہِ السَّلَام के बदन पर कुछ आबले और फोड़े, फ़ुन्सियां निकल आई थीं जिन से आप عَلَیْہِ السَّلَام बरसों तक्लीफ़ बरदाश्त करते और बराबर साबिरो शाकिर रहे । (अ़जाइबुल क़ुरआन मअ़ ग़राइबुल क़ुरआन, स. 181-182)

        यूंही बा'ज़ किताबों में जो येह वाक़िआ़ लिखा है कि बीमारी के दौरान ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام के जिस्मे मुबारक में कीड़े पैदा हो गए थे जो आप عَلَیْہِ السَّلَام का जिस्म शरीफ़ खाते थे, येह भी दुरुस्त नहीं क्यूंकि ज़ाहिरी जिस्म में कीड़ों का पैदा होना भी अ़वाम के लिये नफ़रत व ह़क़ारत का बाइ़स है और लोग ऐसी चीज़ से घिन खाते हैं । (सिरात़ुल जिनान, 6 / 360)

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!      صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि अल्लाह करीम के प्यारे नबी, ह़ज़रते सय्यिदुना अय्यूब عَلَیْہِ السَّلَام पर कैसी कैसी सख़्त आज़माइशें आईं मगर आप عَلَیْہِ السَّلَام ने रोने, धोने, चीख़ने, चिल्लाने, शिक्वे, शिकायात, बे सब्री और ना शुक्री करने की बजाए सब्रो