Ilm-e-Deen Kay Fazail

Book Name:Ilm-e-Deen Kay Fazail

हो । इस त़रह़ अ़वाम, सुल्त़ान और ह़ाकिम के, औलाद मां-बाप के, त़लबा असातिज़ा के, मुरीदीन पीर के रिआ़या (मातह़त) हुवे । यूंही जो माल ज़ौजा या औलाद या नौकर की क़ब्ज़े में हो, उस की निगरानी इन पर वाजिब है । जिस के मातह़त कोई न हो, वोह अपने आ'ज़ा, कामों, बातों और अपने अवक़ात का निगरान है, इन सब के बारे में वोह ज़िम्मेदार होगा । (नुज़्हतुल क़ारी, 2 / 530, मुलख़्ख़सन)

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! वालिदैन को चाहिये कि अपनी ज़िम्मेदारी का एह़सास करते हुवे अपनी औलाद की मदनी तरबिय्यत का ख़याल रखें, उन्हें नमाज़, रोज़े का पाबन्द बनाएं और फ़राइज़ व वाजिबात, ह़लाल व ह़राम, ख़रीदो फ़रोख़्त और बन्दों के ह़ुक़ूक़ वग़ैरा के शरई़ अह़कामात से भी उन्हें आग़ाह करने का इन्तिज़ाम करें । इस का बेहतरीन ज़रीआ़ येह है कि अपने बच्चों को इ़ल्मे दीन सिखाने के लिये दर्से निज़ामी (या'नी आ़लिम कोर्स) करवा दिया जाए ताकि हमारे बच्चे इ़ल्मे दीन सीख कर दूसरों को सिखाएं और हमारी उख़रवी नजात का सामान बन सके ।

          اَلْحَمْدُ لِلّٰہ इस मक़्सद की तक्मील के लिये आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के जामिआ़तुल मदीना क़ाइम हैं । जामिआ़तुल मदीना में त़लबा व त़ालिबात को नूरे इ़ल्म से मुनव्वर करने के साथ साथ तक़्वा व परहेज़गारी के अन्वार से दिलों को रौशन करने के लिये अख़्लाक़ी तरबिय्यत भी की जाती है । इस सिलसिले में जामिअ़तुल मदीना के त़लबा जदवल के मुत़ाबिक़ राहे ख़ुदा में आ़शिक़ाने रसूल के साथ मदनी क़ाफ़िलों के मुसाफ़िर बनते हैं बल्कि बा'ज़ ख़ुश नसीब तो 12 माह के मदनी क़ाफ़िले में सफ़र की सआ़दत भी पाते हैं । अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के अ़त़ा कर्दा "92 मदनी इनआ़मात" पर अ़मल करते हुवे रोज़ाना मदनी इनआ़मात का रिसाला पुर कर के हर मदनी माह के इख़्तिताम पर अपने दरजे के ज़िम्मेदार को जम्अ़ करवाते हैं ।

अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की

त़लबए इ़ल्मे दीन से मह़ब्बत

          अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ जामिअ़तुल मदीना के त़लबा की  इस अ़मली कैफ़िय्यत से ख़ुश हो कर अपने तअस्सुरात बयान फ़रमाते हैं : मैं दा'वते इस्लामी के जामिआ़तुल मदीना व मदारिसुल मदीना के त़लबा से बहुत मह़ब्बत करता हूं और इन के सदके़ से अपने लिये दुआ़ए मग़फ़िरत किया करता हूं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! जामिअ़तुल मदीना के त़लबए किराम पांचों नमाज़ों के इ़लावा दीगर नवाफ़िल मसलन सलातुत्तौबा, तहज्जुद, इशराक़ और चाश्त के नवाफ़िल का भी एहतिमाम करते हैं, मदनी क़ाफ़िलों में सफ़र की सआ़दत ह़ासिल करते हैं, जामिअ़तुल मदीना के अत़राफ़ में 12 मदनी कामों को आ़म करने के लिये ज़िम्मेदारियां संभालते हैं । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ जामिअ़तुल मदीना के असातिज़ए किराम व त़लबए किराम इमामत व ख़ित़ाबत के फ़राइज़ भी सर अन्जाम दे रहे हैं जिन की बदौलत