Duniya Ki Mohabbat Ki Muzammat

Book Name:Duniya Ki Mohabbat Ki Muzammat

दिन की ख़ूराक हो, तो गोया उस के लिये दुन्या जम्अ़ कर दी गई है ।

(ترمِذِیّ،۴/۱۵۴،حدیث:۲۳۵۳)

13﴿...दुन्या ला'नती है

          ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने ज़ीशान है : होश्यार रहो ! दुन्या ला'नती चीज़ है और जो दुन्या में है वोह भी ला'नती है, सिवाए अल्लाह पाक के ज़िक्र के और उस के जो रब्बे करीम के क़रीब कर दे और आ़लिम के और त़ालिबे इ़ल्म के । (تِّرْمِذِیّ،۴/۱۴۴،حدیث:۲۳۲۹)

14﴿...अल्लाह पाक, बन्दे को दुन्या से परहेज़ कराता है

        ह़ज़रते सय्यिदुना मह़मूद बिन लबीद رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने आ़फ़िय्यत निशान है : अल्लाह पाक अपने बन्दे को दुन्या से इस त़रह़ परहेज़ कराता है जिस त़रह़ तुम अपने मरीज़ को खाने और पीने की चीज़ों से परहेज़ कराते हो । (شُعَبُ الْاِیمان ، ۷/۳۲۱،حدیث:۱۰۴۵۰)

15﴿...दिरहम का बन्दा ला'नती है

          ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से रिवायत है : रसूले अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ का फ़रमाने इ़ब्रत निशान है : ला'नती है दिरहमो दीनार का बन्दा । ( ترْمِذِی، ۴/۱۶۶،حدیث:۲۳۸۲)

16﴿...ह़ुब्बे माल व जाह की तबाहकारियां

        ह़ज़रते सय्यिदुना का'ब बिन मालिक رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ कहते हैं : रसूले अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया : दो भूके भेड़िये जिन्हें बकरियों में छोड़ दिया जाए, वोह इतना नुक़्सान नहीं पहुंचाते जितना कि माल और इ़ज़्ज़त की लालच, इन्सान के दीन को नुक़्सान पहुंचाती है । (تِرْمِذِی، ج ۴ ص ۱۶۶ حدیث۲۳۸۳)

17﴿...दुन्या मोमिन के लिये कै़दख़ाना है

        ह़ज़रते सय्यिदुना अबू हुरैरा رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने कहा : नबिय्ये करीम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ