Book Name:Aulad Ki Tarbiyat Aur Walidain Ki Zimadariyan
अख़्लाक़ को तबाहो बरबाद कर रहे हैं । वालिदैन को चाहिये कि अपने बच्चों की नक़्ल व ह़रकत पर तवज्जोह रखने के साथ साथ ह़िक्मते अ़मली से उन की मदनी तरबिय्यत भी करें, बिल ख़ुसूस जो बच्चे अभी छोटे हैं, उन्हें मोबाइल और इन्टरनेट के ज़ोरदार सैलाब से बचाएं, वरना कहीं ऐसा न हो कि उन का किरदार अभी से ख़राब हो जाए, अगर ऐसा हुवा, तो यक़ीन जानिये कि फिर औलाद और वालिदैन दोनों को हर जगह ज़िल्लतो रुस्वाई का सामना हो सकता है । बच्चों को मुआ़शरे का अच्छा और नेक मुसलमान बनाने के लिये ख़ुद भी दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता रहिये और अपने बच्चों को भी इस मदनी माह़ोल से वाबस्ता रखिये ।
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी के मदनी माह़ोल में क़ुरआनो सुन्नत के मुत़ाबिक़ दीनी और अख़्लाक़ी तरबिय्यत की त़रफ़ भरपूर तवज्जोह दी जाती है, लिहाज़ा अपने छोटे मदनी मुन्नों और मदनी मुन्नियों को मद्रसतुल मदीना या दारुल मदीना में और बड़ों को जामिअ़तुल मदीना में दाख़िल करवाइये और दीनो दुन्या की बहारें लूटिये ।
मजलिसे तजहीज़ो तक्फ़ीन का तआ़रुफ़
اَلْحَمْدُ لِلّٰہ ! आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी कमो बेश 107 शो'बाजात में सुन्नतों की ख़िदमत में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक शो'बा "मजलिसे तजहीज़ो तक्फ़ीन" भी है, जिस का मक़्सद इस्लामी बहनों को ग़ुस्ल व कफ़न से मुतअ़ल्लिक़ अहम शरई़ मसाइल से आगाह करना, उन की वक़्तन फ़-वक़्तन तरबिय्यत करना और उन का इस्लामी बहनों की ख़ैर ख़्वाही करते हुवे मय्यित के ग़ुस्ल व कफ़न का एहतिमाम करना और लवाह़िक़ीन को सब्र की तल्क़ीन करना है । लिहाज़ा ऐसे मौक़अ़ पर अपने अ़लाक़े में दा'वते इस्लामी की ज़िम्मेदार इस्लामी बहनों से राबित़ा कर के मय्यित के ग़ुस्ल व कफ़न की तरकीब बनाई जा सकती है ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد