Book Name:Sadqa ke Fawaid
दावते इस्लामी और अमीरे अहले सुन्नत دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ के पाकीज़ा किरदार जैसे उ़न्वानात पर गुफ़्तगू कीजिए । ٭ ह़दीसे पाक में है : "تَھَادَوْا تَحَابُّوا" एक दूसरे को तोह़फ़ा दो, आपस में मह़ब्बत बढ़ेगी । (مؤطا امام مالک ، کتاب حسن الخلق ، باب ماجاء فی المھاجرۃ ، ۲ / ۴۰۷ ، حدیث : ۱۷۳۱) इस ह़दीसे पाक पर अ़मल की निय्यत से ज़ाती त़ौर पर जितनी त़ाक़त हो, चन्दा देने वाली शख़्सिय्यात को मक्तबतुल मदीना की किताबें और रसाइल तोह़फ़तन पेश करें । याद रहे ! चन्दे से तोह़फ़ा देने की इजाज़त नहीं नीज़ ज़ाती तअ़ल्लुक़ात बनाने के बजाए रिज़ाए इलाही और तन्ज़ीमी कामों में तरक़्क़ी की निय्यत ही से तोह़फ़ा दिया जाए । ٭ शख़्सिय्यात व मुख़य्यर ह़ज़रात को मदनी चेनल देखने नीज़ हफ़्तावार सुन्नतों भरे इजतिमाअ़ और मदनी मुज़ाकरे में शिर्कत की तरग़ीब भी दिलाइए । ٭ फ़न्ड्ज़ जम्अ़ करने के महीनों (यानी रजब, शाबान और रमज़ान) के इ़लावा भी शख़्सिय्यात व मुख़य्यर ह़ज़रात से मुलाक़ात और राबित़ा कर के उन्हें मदनी माह़ोल से वाबस्ता करने के लिए इनफ़िरादी कोशिशों का सिलसिला जारी रखिए ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد