Book Name:Sadqa ke Fawaid
प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! اَلْحَمْدُ لِلّٰہ आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दावते इस्लामी दुन्या भर में 108 से ज़ाइद शोबाजात में नेकी की दावत की धूमें मचाने में मसरूफे़ अ़मल है, इन्ही में से एक "मजलिसे मालियात" भी है । दावते इस्लामी के लिए जम्अ़ होने वाले सदक़ाते वाजिबा मसलन ज़कात, फ़ित़्रात, उ़श्र और सदक़ाते नाफ़िला मसलन मसाजिद व मदारिस, जामिआ़त, लंगरे रज़विय्या व लंगरे ग़ौसिय्या वग़ैरा की मद्द में जम्अ़ होने वाले फ़न्ड्ज़ को मह़फ़ूज़ बनाने, उन का ह़िसाब किताब रखने और उन को शरई़ तक़ाज़ों के मुत़ाबिक़ ख़र्च करने के लिए "मजलिसे मालियात" का क़ियाम अ़मल में लाया गया है । اَلْحَمْدُ لِلّٰہ मक्तबतुल मदीना की त़रफ़ से फ़न्ड्ज़ जम्अ़ करने वाले इस्लामी भाइयों और इस्लामी बहनों की शरई़ रेहनुमाई के लिए रिसाला "चन्दे के बारे में सुवाल जवाब" और "चन्दा करने की शरई़ एह़तियात़ें" भी शाएअ़ किया गया है । रब्बे करीम "मजलिसे मालियात" की कोशिशों को अपनी बारगाह में मक़्बूल फ़रमाए । اٰمِیْن بِجَاہِ النَّبِیِ الْاَمِیْن صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
डोनेशन के लिए मुलाक़ात के आदाब
ऐ आ़शिक़ाने रसूल ! आइए ! रिसाला "चन्दा करने की शरई़ एह़तियात़ें" सफ़ह़ा नम्बर 12 से डोनेशन के लिए मुलाक़ात करने के चन्द आदाब सुनते हैं : ٭ ज़िम्मेदारान को चाहिए कि दावते इस्लामी के चन्दे के लिए ख़ुश अ़क़ीदा शख़्सिय्यात व मुख़य्यर ह़ज़रात से पेहले से वक़्त ले कर उन से मुलाक़ात करें । ٭ बेहतर येह है कि मुलाक़ात के लिए 2 या 3 इस्लामी भाई मिल कर जाएं, इस्लामी बहनें भी इसी त़रह़ करें । ٭ दौराने मुलाक़ात शख़्सिय्यात व मुख़य्यर ह़ज़रात को दावते इस्लामी के मुख़्तलिफ़ मदनी कामों और शोबाजात मसलन मद्रसतुल मदीना, जामिअ़तुल मदीना, दारुल मदीना स्कूल सिस्टम, मसाजिद की तामीरात, क़ाफ़िला, मदनी चेनल, शोबए तालीम, मजलिसे आई-टी, दावते इस्लामी की वेबसाइट (www.dawateislami.net), मजलिसे स्पेशल अफ़राद, मजलिसे इस्लाह़ बराए कै़दियान वग़ैरा का तआ़रुफ़ करवाएं । इस के इ़लावा अमीरे अहले सुन्नत, ह़ज़रते अ़ल्लामा मौलाना मुह़म्मद इल्यास अ़त़्त़ार क़ादिरी रज़वी ज़ियाई دَامَتْ بَرْکَاتُھُمُ الْعَالِیَہ की दीनी ख़िदमात से भी आगाह कीजिए । ٭ दावते इस्लामी के मदनी कामों पर सर्फ़ होने वाले अख़राजात बता कर दावते इस्लामी के हर नेक व जाइज़ काम में ख़र्च की निय्यत से माहाना चन्दा देने का ज़ेहन बनाइए । ٭ मुमकिन हो, तो शख़्सिय्यात के यहां "मजलिसे चन्दा बक्स" की मुशावरत व इजाज़त से उसूलो ज़वाबित़ के मुत़ाबिक़ चन्दा बक्स (Box) रखने की भी तरकीब बनाइए । ٭ दौराने मुलाक़ात इख़्तिलाफ़ी मसाइल, फ़ुज़ूल गुफ़्तगू और सियासी मुआ़मलात पर कलाम करने से बचिए । ٭ इनफ़िरादी कोशिश करते हुवे ख़ौफे़ ख़ुदा, इ़श्के़ मुस्त़फ़ा, इख़्लास और अच्छे अख़्लाक़ से मुतअ़ल्लिक़ गुफ़्तगू कीजिए, अम्बियाए किराम عَلَیْھِمُ الصَّلٰوۃُ وَالسَّلَام, सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان और औलियाए किराम رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن की इस्लाम की ख़ात़िर क़ुरबानियों और इस्लाह़े उम्मत के लिए