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Book Name:Tabarukat Ki Barakaat

के वाक़िआ़त पढेंगे, तो आप को सब की सीरत में येही मिलेगा कि उन की ज़िन्दगी का इब्तिदाई ह़िस्सा इ़ल्मे दीन ह़ासिल करने में गुज़रा ।

          याद रखिये ! अच्छा गुमान रखने में फ़ाइदे ही फ़ाइदे हैं जब कि बद गुमानी में नुक़्सानात ही नुक़्सानात हैं । अफ़्सोस ! आज के दौर में हमारी एक तादाद है जो अच्छा गुमान रखने की बजाए बद गुमानी की त़रफ़ ज़ियादा माइल होती है, बात बात पर बद गुमानी के नज़्ज़ारे आ़म हैं । किसी को फ़ोन करें और वोह रीसीव (Receive) न करे तो बद गुमानी, बेटे की तवज्जोह मां से कम हो जाए तो फ़ौरन बहू से बद गुमानी, किसी अच्छी नौकरी से फ़ारिग़ हो गए तो दफ़्तर के किसी फ़र्द से बद गुमानी, कारोबार में नुक़्सान हो गया तो क़रीबी दुकानदार से बद गुमानी, अपनी ही कमज़ोर कारकर्दगी या किसी तन्ज़ीमी पॉलीसी के पेशे नज़र तन्ज़ीमी ज़िम्मेदारी ख़त्म कर दी गई या तब्दील हो गई तो ज़िम्मेदारान से बद गुमानी, नात ख़्वानी के इन्तिज़ामात में कमज़ोरी हुई तो इन्तिज़ाम करने वालों से बद गुमानी, नात ख़्वानी में कोई शख़्स इश्के़ रसूल में झूम रहा है या अपने गुनाहों को याद कर के रो रहा है तो बद गुमानीकिसी बुज़ुर्ग या पीर ने अपने मुरीदीन को तरग़ीब दिलाने या नेमत का चर्चा करने की ग़रज़ से अपना कोई वाक़िआ़ बयान कर दिया तो उन से बद गुमानी, जिस ने क़र्ज़ लिया और वोह राबित़े में नहीं आ रहा या जिस से माल बुक करवा लिया वोह मिल नहीं रहा तो बद गुमानी, किसी ने वक़्त दिया और आने में ताख़ीर हो गई तो बद गुमानी, किसी के पास थोड़े ही अ़र्से में गाड़ी, अच्छा मकान और दीगर सहूलिय्यात आ गईं तो बद गुमानी, अल ग़रज़ ! हमारा मुआ़शरा इस वक़्त बद गुमानी की ख़ौफ़नाक आफ़त की लपेट में है ।

          याद रखिये ! बद गुमानी दीगर कई गुनाहों में मुब्तला करवा देती है । ٭ बद गुमानी दूसरों के ऐ़ब तलाश करने में लगाती है । ٭ बद गुमानी ह़सद पर उभारती है । ٭ बद गुमानी ग़ीबत करवाती है । ٭ बद गुमानी दिल में नफ़रतों के बीज उगाती है । ٭ बद गुमानी आपस में मह़ब्बतें ख़त्म कर के मज़ीद दूरियां बढ़ाती है । ٭ बद गुमानी अच्छे सुलूक से मह़रूम करवाती है । ٭ बद गुमानी बन्दे को बद अख़्लाक़ बनाती है । ٭ बद गुमानी इल्ज़ाम लगाने पर उभारती है । अल ग़रज़ ! बद गुमानी दुन्या और आख़िरत में रुस्वा करवाती है । लिहाज़ा अ़क़्लमन्द वोही है जो बद गुमानी की बजाए अच्छे गुमान की आ़दत अपनाए क्यूंकि ٭ अच्छा गुमान एक उ़म्दा इ़बादत है । ٭ अच्छा गुमान गुनाहों से बचाने वाला है । ٭ अच्छा गुमान रखना ईमान के तक़ाज़ों में से है । ٭ अच्छा गुमान ईमान का ह़िस्सा है । ٭ अच्छा गुमान नेक लोगों की आ़दात में से है । ٭ अच्छा गुमान बन्दे को सवाब का ह़क़दार बना देता है । ٭ अच्छा गुमान दूसरों की इ़ज़्ज़तों की ह़िफ़ाज़त करना सिखाता है । ٭ अच्छे गुमान से सुकून और क़रार मिलता है । ٭ अच्छा गुमान बन्दे को शैत़ान के धोके से बचाता है । ٭ अच्छा गुमान ईमान को क़ुव्वत देता है । ٭ अच्छा गुमान दिल और



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