Book Name:Lalach Ka Anjaam
भी मदनी माह़ोल से वाबस्ता कर के आ़शिक़ाने रसूल की मदनी तह़रीक दा'वते इस्लामी का मदनी काम करने वाली बनाने का जज़्बा है कि नहीं ? अगर जवाब नफ़ी में हो, तो हमें इस का भी लालच होना चाहिये कि ऐ काश ! मेरी ज़िम्मेदारी के अ़र्से में हर त़रफ़ सुन्नतों की मदनी बहारें आ जाएं, मेरे ज़िम्मे जो अह्दाफ़ हैं वोह पूरे करने में कामयाब हो जाऊं । अल्लाह करे हमें 8 मदनी कामों को आगे से आगे बढ़ाने का लालच नसीब हो जाए ।
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد
प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! नेकियों का लालच करने में दुन्या व आख़िरत की काम्याबी जब कि माल की मह़ब्बत व लालच में दीनो दुन्या की तबाही व बरबादी है । आइये ! अब दिल थाम कर माले दुन्या से मह़ब्बत और दुन्यवी लालच में मुब्तला लालचियों के अन्जाम पर मुश्तमिल एक निहायत इ़ब्रतनाक ह़िकायत सुनिये और इ़ब्रत ह़ासिल कीजिये । चुनान्चे,
ह़ज़रते सय्यिदुना ई़सा عَلَیْہِ السَّلَام की ख़िदमत में एक आदमी ने अ़र्ज़ की : या रूह़ुल्लाह ! मैं आप की मुबारक सोह़बत में रह कर आप की ख़िदमत और इ़ल्मे शरीअ़त ह़ासिल करना चाहता हूं । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने उस को इजाज़त अ़त़ा फ़रमा दी । चलते चलते जब दोनों एक नहर के किनारे पहुंचे, तो आप عَلَیْہِ السَّلَام ने फ़रमाया : आओ ! खाना खा लें । आप عَلَیْہِ السَّلَام के पास तीन रोटियां थीं, जब एक एक रोटी दोनों खा चुके, तो ह़ज़रते सय्यिदुना ई़सा عَلَیْہِ السَّلَام नहर से पानी नोश फ़रमाने लगे, उस शख़्स ने तीसरी रोटी छुपा ली । जब आप عَلَیْہِ السَّلَام पानी पी कर वापस तशरीफ़ लाए, तो रोटी मौजूद न पा कर पूछा : तीसरी रोटी कहां गई ? उस ने झूट बोलते हुवे कहा : मुझे नहीं मा'लूम । आप عَلَیْہِ السَّلَام ख़ामोश रहे । थोड़ी देर बा'द फ़रमाया : आओ ! आगे चलें । रास्ते में एक हरनी मिली जिस के साथ दो बच्चे थे, आप عَلَیْہِ السَّلَام ने हरनी के एक बच्चे को अपने पास बुलाया, वोह आ गया, आप عَلَیْہِ السَّلَام ने उसे ज़ब्ह़ किया, भूना और दोनों ने मिल कर खाया । गोश्त खा चुकने के बा'द आप عَلَیْہِ السَّلَام ने हड्डियों को जम्अ़ किया और फ़रमाया : قُمْ بِاِذْنِ اللہ (या'नी अल्लाह करीम के ह़ुक्म से ज़िन्दा हो कर खड़ा हो जा !) । हरनी का बच्चा ज़िन्दा हो कर अपनी मां के साथ चला गया । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने उस शख़्स से फ़रमाया : तुझे उस ख़ुदाए पाक की क़सम जिस ने मुझे येह मो'जिज़ा दिखाने की क़ुदरत अ़त़ा की ! सच बता वोह तीसरी रोटी कहां गई ? वोह बोला : मुझे नहीं मा'लूम । फ़रमाया : आओ ! आगे चलें । चलते चलते एक दरया पर पहुंचे । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने उस शख़्स का हाथ पकड़ा और पानी के ऊपर चलते हुवे दरया के दूसरे किनारे पहुंच गए । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने उस शख़्स से फ़रमाया : तुझे उस ख़ुदाए पाक की क़सम जिस ने मुझे येह मो'जिज़ा दिखाने की क़ुदरत अ़त़ा की ! सच बता कि वोह तीसरी रोटी कहां गई ? वोह बोला : मुझे नहीं मा'लूम । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने फ़रमाया : आओ ! आगे चलें । चलते चलते एक रेगिस्तान में पहुंचे । आप عَلَیْہِ السَّلَام ने रेत की एक ढेरी बनाई और फ़रमाया : ऐ रेत की ढेरी ! अल्लाह पाक के ह़ुक्म से सोना बन जा ! वोह फ़ौरन सोना