$header_html

Book Name:Maa Baap Ko Satana Haram Hai

उस से फ़रमाया : येह तुम्हारा बेटा है ? उस ने अ़र्ज़ की : जी हां ! इरशाद फ़रमाया : अगर एक ज़बरदस्त आग जलाई जाए और तुम से कहा जाए कि अगर तुम राज़ी न हुईं, तो इस नौजवान को आग में डाल देंगे, तो तुम क्या करोगी ? वोह अ़र्ज़ गुज़ार हुई : फिर तो मैं इसे मुआ़फ़ कर दूंगी । इरशाद फ़रमाया : फिर तुम अल्लाह पाक और हमें गवाह बना कर कहो कि तुम इस से राज़ी हो । उस ने अ़र्ज़ की : मैं अपने बेटे से राज़ी हूं । फिर सरकारे नामदार صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने उस नौजवान से फ़रमाया : لَا اِلٰهَ اِلَّااللہُ कहो ! उस ने لَا اِلٰهَ اِلَّااللہُ कहा । तो आप صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अल्लाह पाक की ह़म्द इन अल्फ़ाज़ के साथ बयान की : اَلْحَمْدُلِلّٰهِ الَّذِيْ اَنْقَذَهُ بِیْ مِنَ النَّارِ तमाम ता'रीफे़ं उस ख़ुदा के लिये हैं जिस ने मेरे त़ुफै़ल इसे जहन्नम से बचा लिया । (شعب الایمان،باب فی بر الوالدين،۶ / ۱۹۷، حدیث :۷۸۹۲)

        अल्लाह पाक हमें भी मरते वक़्त कलिमए त़य्यिबा पढ़ने की तौफ़ीक़ अ़त़ा फ़रमाए ।

बीवी को ख़ुश करने के लिये मां को मारने वाले का अन्जाम

          एक नौजवान के गुर्दे फेल हो गए, अस्पताल में दाख़िल कर दिया गया, ह़ालत निहायत ख़राब थी, रूह़ निकलने का अ़मल त़ारी हुवा, उस के मुंह और नाक से दर्दनाक आवाज़ें निकलती थीं, चेहरा नीला हो जाता और आंखें बाहर उबल पड़ती थीं, इस कैफ़िय्यत में दो दिन गुज़र गए । उन दर्दनाक आवाज़ों ने ख़ौफ़नाक चीख़ों का रूप धार लिया था, वॉर्ड के मरीज़ भागने शुरूअ़ हो गए, लिहाज़ा उसे वॉर्ड से दूर एक कमरे में मुन्तक़िल कर दिया गया । उस के बाप ने डॉक्टर से कहा : इसे ज़हर का टीका लगा दो ताकि येह मर जाए, हम से इस की ह़ालत देखी नहीं जाती । जब पूछा गया कि आख़िर इस की येह अ़जीबो ग़रीब ह़ालत क्यूं है ? बाप बेज़ारी के साथ बोल उठा : येह शख़्स अपनी बीवी को ख़ुश करने के लिये मां को मारता था और मैं इस को रोका करता था, ऐसा लगता है अब इस की सज़ा मिल रही है । आह ! 3 दिन के बा'द उस ने इसी ह़ालत में दम तोड़ दिया ।

येह उसी का बदला है

          ह़ज़रते सय्यिदुना साबित बुनानी رَحْمَۃُ اللّٰہ ِتَعَالٰی عَلَیْہ फ़रमाते हैं : किसी मक़ाम पर एक आदमी अपने बाप को मार रहा था । लोगों ने उसे मलामत की, कि ऐ बदबख़्त ! येह क्या है ? इस पर बाप बोला : इसे छोड़ दो ! क्यूंकि मैं भी इसी जगह अपने बाप को मारा करता था, येही वज्ह है कि मेरा बेटा भी मुझे इसी जगह मार रहा है, येह उसी का बदला है, इसे मलामत मत करो ।

(تنبیہ الغافلین، باب حق الولد علی الوالد ،ص۶۹)

          मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! हम अल्लाह पाक की बारगाह में तौबा करते और उस से आ़फ़िय्यत का सुवाल करते हैं । आह ! मां-बाप की दिल आज़ारी किस क़दर रुस्वाई और दर्दनाक अ़ज़ाब का बाइ़स है । मां-बाप का बहुत ख़याल रखना चाहिये कि मां-बाप जब



$footer_html