Faizan e Mushkil Kusha

Book Name:Faizan e Mushkil Kusha

1.     और जो शख़्स दुन्यवी ज़िन्दगी (में त़वालत) का ख़्वाहिश मन्द हो, तो उसे चाहिये कि मसाइब के लिये तय्यार हो जाए ।

2.     जो शख़्स येह चाहे कि उस का वक़ार व इ़ज़्ज़त बर क़रार रहे, तो उसे चाहिये कि रियाकारी से बचे ।

3.     जिस बात से तेरा तअ़ल्लुक़ न हो ख़्वाह म-ख़्वाह उस के बारे में  सुवाल न कर ।

4.     बीमारी से पहले सिह़ह़त को ग़नीमत जान और फ़ुरसत के लम्ह़ात से भर पूर फ़ाइदा उठा, वरना ग़म व परेशानी का सामना होगा ।

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5.        इस्तिक़ामत आधी कामयाबी है, जैसा कि ग़म आधा बुढ़ापा ।

6.        जो चीज़ तेरे दिल में खटके उसे छोड़ दे क्यूंकि उस को छोड़ देने ही में तेरी सलामती है । (उ़यूनुल ह़िकायात, स. 173)

        मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा फ़रामीन ऐसे जामेअ़ और ह़िक्मत आमोज़ हैं कि अगर कोई शख़्स इन पर अ़मल कर ले, तो वोह दारैन (या'नी दुन्या व आख़िरत) की सआदतों से माला माल हो जाए, उसे दीनो दुन्या के किसी मुआमले में शर्मिन्दगी का सामना न करना पड़े, इन कलिमात में ह़ज़रते सय्यिदुना अ़लिय्युल मुर्तज़ा, शेरे ख़ुदा کَرَّمَ اللّٰہُ تَعَالٰی وَجْھَہُ الْکَرِیْم ने हमें ज़िन्दगी गुज़ारने का बेहतरीन त़रीक़ा बता दिया है कि अगर इस त़रह़ ज़िन्दगी गुज़ारोगे, तो बहुत जल्द तरक़्क़ी व कामयाबी की दौलत और अल्लाह पाक की रिज़ा नसीब होगी ।

          अगर आप औलियाए किराम رَحِمَہُمُ اللہُ السَّلَام के अह़वाल के साथ साथ उन के नसीह़त आमोज़ अक़्वाल और इ़ल्मो ह़िक्मत से भरपूर मदनी फूल समेटना चाहतें हैं, तो दा'वते इस्लामी के इशाअ़ती इदारे मक्तबतुल मदीना की मत़बूआ 324 सफ़ह़ात पर मुश्तमिल किताब बनाम "152 रह़मत भरी ह़िकायात"       का मुत़ालआ फ़रमाएं । اَلْحَمْدُلِلّٰہ عَزَّوَجَلَّ इस किताब में 92 बुज़ुर्गों के मुख़्तसर ह़ालात, मग़फ़िरत के वाक़िआत और बे शुमार फ़रामीन मौजूद हैं । आप से