Book Name:Faizan e Mushkil Kusha
ह़ज़रते सय्यिदुना इबने अ़ब्बास رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھُمَا से मरवी है कि अमीरुल मोमिनीन ह़ज़रते सय्यिदुना उ़मर फ़ारूके़ आ'ज़म رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ इरशाद फ़रमाते हैं : ह़ज़रते अ़लिय्युल मुर्तज़ा کَرَّمَ اللّٰہُ تَعَالٰی وَجْھَہُ الْکَرِیْم ने ऐसे कलिमात इरशाद फ़रमाए
कि अगर लोग इन पर अ़मल करें, तो कामयाबी व कामरानी से हम कनार हो जाएं और कभी भी ग़लत़ ह़रकात न करें । लोगों ने अ़र्ज़ की : ऐ अमीरल
PB
मोमिनीन ! वोह कौन से कलिमात हैं ? आप رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ ने फ़रमाया : वोह नसीह़त आमोज़ कलिमात येह हैं । चुनान्चे, आप फ़रमाते हैं :
1. तू अपने मुसलमान भाई की पसन्द का ख़याल रख, उस के साथ भलाई कर फिर तुझे भी उस की त़रफ़ से तेरी पसन्दीदा चीज़ ही मिलेगी ।
2. कभी भी किसी मुसलमान भाई के कलाम में बद गुमानी न कर (या'नी हमेशा अच्छा पहलू तलाश कर) तुझे ज़रूर उस के कलाम में कोई अच्छी बात मिल जाएगी ।
3. जब तेरे सामने दो काम हों, तो उस काम में हरगिज़ न पड़ जिस में नफ़्स की पैरवी करना पड़े, क्यूंकि नफ़्स की पैरवी में सरासर नुक़्सान है ।
4. जब कभी तू अल्लाह पाक से अपनी किसी ह़ाजत का सुवाल करना चाहता हो, तो दुआ से पहले उस के प्यारे ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ पर कसरत से दुरूदे पाक पढ़ । बेशक अल्लाह पाक उस शख़्स पर बहुत लुत़्फ़ो करम फ़रमाता है जो उस से अपनी ह़ाजतें त़लब करे फिर अगर कोई शख़्स अल्लाह पाक से दो चीज़ें मांगता है, तो अल्लाह पाक उसे वोह चीज़ अ़त़ा फ़रमाता है जो उस के ह़क़ में बेहतर होती है और जो नुक़्सान देह हो उसे बन्दे से रोक लेता है ।
5. जो शख़्स येह चाहे कि हर वक़्त अल्लाह पाक के ज़िक्र में मश्ग़ूल रहे, तो उसे चाहिये कि सब्र को अपना शिआर बना ले और हर मुसीबत पर सब्र करे ।