Siddique e Akbar Ki Sakhawat

Book Name:Siddique e Akbar Ki Sakhawat

सदक़ा करो । इस फ़रमाने आ़लीशान पर अ़मल करने में मुख़्तलिफ़ सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان ने अपनी अपनी तौफ़ीक़ व ह़ैसिय्यत के मुत़ाबिक़ अपना माल राहे ख़ुदा में सदक़ा किया, मैं भी अपना आधा माल ले कर ह़ाज़िर हो गया । प्यारे आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने मुझ से पूछा : उ़मर ! अपने घरवालों के लिए क्या छोड़ कर आए ? मैं ने अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! आधा उन के लिए छोड़ कर आया हूं और आधा यहां ले आया हूं । इतने में हम ने देखा कि आ़शिके़ अक्बर, अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ अपना सारा माल ले कर नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बारगाह में ह़ाज़िर हो गए । अल्लाह पाक के मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ, आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ को देख कर बहुत ख़ुश हुवे और आप से पूछा : अबू बक्र ! घरवालों के लिए क्या छोड़ कर आए हो ? आप رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने मह़ब्बत भरे लह्जे में यूं अ़र्ज़ की : या रसूलल्लाह صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ! اَبْقَیْتُ لَھُمُ اللہَ وَرَسُوْلَہ मैं अपने घर का सारा माल ले कर आप की बारगाह में ह़ाज़िर हो गया हूं और घरवालों के लिए अल्लाह पाक और उस का रसूल ही काफ़ी है । ह़ज़रते फ़ारूके़ आज़म رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ येह मन्ज़र देख कर ह़ैरान रेह गए और केहने लगे : मैं कभी भी ह़ज़रते अबू बक्र सिद्दीक़ رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ से आगे नहीं बढ़ सकता । (ترمذی، کتاب المناقب ، باب فی مناقب ابی بکر وعمر، ۵/۳۸۰، حدیث:۳۶۹۵)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आप ने सुना कि सह़ाबए किराम عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان राहे ख़ुदा में ख़र्च करने का कैसा जज़्बा रखते थे कि हु़ज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की एक आवाज़ पर लब्बैक केहते हुवे अपना माल अपने आक़ा व मौला صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ख़िदमत में ह़ाज़िर कर देते और कोई तो अपने घर में मौजूद माल का आधा ह़िस्सा ले आ रहा है । क्या केहने अमीरुल मोमिनीन, ह़ज़रते सिद्दीके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ के ! आप अपना सारा माल ले कर ह़ुज़ूर की ख़िदमत में आ गए और जब आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने पूछा : अबू बक्र ! घरवालों के लिए क्या छोड़ कर आए हो ? तो उस आ़शिके़ अक्बर رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ ने