Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

फ़रमाती हैं : ह़ुज़ूरे अन्वर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादत के वक़्त मैं ने एक नूर देखा जिस से शाम के मह़ल्लात रौशन हो गए और मैं ने उन मह़ल्लात को देखा (خصائص کبری، باب ما ظہر فی لیلۃ مولدہ من المعجزات و الخصائص،۱/۷۹)

सरकार की आमद...मरह़बा       सरदार  की  आमद...मरह़बा

प्यारे की आमद...मरह़बा                   अच्छे  की  आमद...मरह़बा

सच्चे की आमद...मरह़बा                   सोहने  की  आमद...मरह़बा

मोहने की आमद...मरह़बा        मुख़्तार  की  आमद...मरह़बा

पुरनूर की आमद...मरह़बा        सरापा नूर की आमद...मरह़बा

आमिना के फूल की आमद...मरह़बा

रसूले मक़्बूल की आमद...मरह़बा

मरह़बा या मुस्त़फ़ा      मरह़बा या मुस्त़फ़ा

मरह़बा या मुस्त़फ़ा      मरह़बा या मुस्त़फ़ा

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد

          प्यारे प्यारे इस्लामी भाइयो ! नबिय्ये रह़मत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ इस काइनात में बशर बन कर तशरीफ़ लाए मगर आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की ह़क़ीक़त "नूर" है ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : ह़ुज़ूरे पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बशर भी हैं और नूर भी यानी नूरानी बशर हैं, ज़ाहिरी जिस्म शरीफ़ बशर है और ह़क़ीक़त नूर है (रिसालए नूर मअ़ रसाइले नइ़मिया, . 39)

          आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बशरिय्यत का इन्कार हरगिज़ हरगिज़ नहीं किया जा सकता सरकारे आला ह़ज़रत, इमाम अह़मद रज़ा ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : ताजदारे रिसालत صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बशरिय्यत का मुत़्लक़न (बिल्कुल) इन्कार "कुफ़्र" है (फ़तावा रज़विय्या, 14 / 358)