Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ شَاهِدًا وَّ مُبَشِّرًا وَّ نَذِیْرًاۙ(۴۵) وَّ دَاعِیًا اِلَى اللّٰهِ بِاِذْنِهٖ وَ سِرَاجًا مُّنِیْرًا(۴۶) (پ ۲۲،الاحزاب:۴۵-۴۶)

तर्जमए कन्ज़ुल इ़रफ़ान : नबी ! बेशक हम ने तुम्हें गवाह और ख़ुश ख़बरी देने वाला और डर सुनाने वाला और अल्लाह की त़रफ़ उस के ह़ुक्म से बुलाने वाला और चमका देने वाला आफ़्ताब बना कर भेजा

          मश्हूर मुफ़स्सिरे क़ुरआन, ह़कीमुल उम्मत, ह़ज़रते मुफ़्ती अह़मद यार ख़ान رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ फ़रमाते हैं : क़ुरआन शरीफ़ ने सूरज को भी दूसरी जगह सिराजे मुनीर (चमकता चराग़) फ़रमाया है क्यूंकि वोह चमकता भी है और चमकाता भी है येही सूरज चांद तारों को नूर बनाता है क्यूंकि येह सब सूरज से ही नूर पाते हैं और जगमगाते हैं इसी त़रह़ ह़ुज़ूर صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ को भी सिराजे मुनीर (चमकता चराग़) फ़रमाया कि ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) ख़ुद भी चमक रहे हैं और सह़ाबए किराम (عَلَیْہِمُ الرِّضْوَان) और औलियाउल्लाह (رَحْمَۃُ اللّٰہ ِ عَلَیْہِمْ اَجْمَعِیْن) को नूर बना रहे हैं कि वोह सब ह़ुज़ूर (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) ही से जगमगा रहे हैं (रिसालए नूर मअ़ रसाइले नइ़मिया, . 12)

          जब कि ह़ज़रते अ़ल्लामा सय्यिद मुफ़्ती मुह़म्मद नई़मुद्दीन मुरादाबादी رَحْمَۃُ اللّٰہ عَلَیْہ ने इस आयत (¿'ò2ò"CB) के तह़्त जो कुछ इरशाद फ़रमाया है, उस का ख़ुलासा कुछ यूं है : ٭ नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ के नूरे नुबुव्वत ने हज़ारों सूरजों (Suns) से ज़ियादा रौशनी पहुंचाई है । ٭ कुफ़्र और शिर्क के अन्धेरों को आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने नूरे ह़क़ीक़त से दूर किया । ٭ मारिफ़त (रब्बे करीम की पेहचान) और तौह़ीदे इलाही तक पहुंचने की राहें आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने नूरे ह़क़ीक़त से रौशन कर दीं । ٭ गुमराही की तारीक (अन्धेरी) वादी में भटकने वालों को आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने अपने अन्वारे हिदायत से राहयाब (रास्ता पाने वाला) फ़रमाया । ٭ लोगों की आंखों को, दिलों को और रूह़ों को आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने