Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

फ़रमाया, तो इस मुन्तक़िली के साथ ही बड़ी बड़ी निशानियां ज़ाहिर होने लगीं सारी मख़्लूक़ एक दूसरे को ख़ुश ख़बरियां देने लगी, ज़मीनो आसमान में एलान कर दिया गया : अ़र्श ! इ़ज़्ज़त सन्जीदगी का निक़ाब ओढ़ ले, कुर्सी ! फ़ख़्र की ज़िरह पेहन ले, सिदरतुल मुन्तहा ! ख़ुशी से झूम जा ! हैबत और रोबो दबदबे के अन्वार ! तुम भी ख़ूब रौशन हो जाओ, जन्नत ! ख़ूब आरास्ता हो जा, मह़ल्लात की ह़ूरो ! तुम भी बुलन्दी से देखो, रिज़वान (बाग़बाने जन्नत) ! जन्नत के दरवाज़े खोल दे और ह़ूरो ग़िलमां को सामाने ज़ीनत से आरास्ता कर के काइनात को ख़ुश्बूओं से मेहका दे, मालिक (दारोग़ए जहन्नम) ! जहन्नम के दरवाज़े बन्द कर दे ! क्यूंकि आज की रात मेरी क़ुदरत के ख़ज़ानों में छुपा हुवा नूरे राज़, अ़ब्दुल्लाह (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ) से जुदा हो कर आमिना (رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا) के बत़ने पाक में मुन्तक़िल होने वाला है और जिस घड़ी येह नूर मुन्तक़िल होगा, उसी लम्ह़े मैं अपने मह़बूब (صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ) को मुकम्मल सूरत दे दूंगा मन्क़ूल है : नूरे मुह़म्मदी की मुन्तक़िली की रात हर घर और मकान में नूर दाख़िल हो गया और हर चार पाउं वाला जानवर कलाम में गुम हो गया ह़ज़रते आमिना رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا इरशाद फ़रमाती हैं : जब तक आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ मेरे पेट में तशरीफ़ फ़रमा रहे, मैं ने कभी दर्द तक्लीफ़, बोझ या पेट में मरोड़ मह़सूस की, पूरे नव माह बाद आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की विलादते बा सआ़दत हो गई (ह़िकायतें और नसीह़तें, . 468 ता 473, मुल्तक़त़न)

            ह़ज़रते बीबी आमिना رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا ख़ुद फ़रमाती हैं : जब आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ इस काइनात में तशरीफ़ लाए, तो एक नूर निकला जिस से हर चीज़ रौशन हो गई, यहां तक कि नूर के इ़लावा कुछ नज़र न आता था । (خصائص کبری، باب ما ظہر فی لیلۃ مولدہ من المعجزات و الخصائص،۱/۷۸) ह़ज़रते आमिना رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا मज़ीद