Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441
फ़रमानी करेगा, उसे दोज़ख़ में डाल देगा । इसी त़रह़ (3) ह़ज़रते इब्राहीम عَلَیْہِ السَّلَام, ह़ज़रते मूसा عَلَیْہِ السَّلَام और ह़ज़रते ई़सा عَلَیْہِ السَّلَام की उम्मतों के मुतअ़ल्लिक़ भी लिखा, यहां तक कि जब रसूले पाक صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की उम्मत के मुतअ़ल्लिक़ लिखा : जिस ने अल्लाह पाक की इत़ाअ़त की, वोह उसे जन्नत में दाख़िल फ़रमाएगा और जिस ने अल्लाह पाक की ना फ़रमानी की, क़लम येह जुम्ला "वोह उसे जहन्नम में डाल देगा" अभी लिखना ही चाहता था कि अल्लाह पाक की त़रफ़ से इरशाद हुवा : ऐ क़लम ! ज़रा अदब से । तो वोह हैबत व जलाले इलाही से फट गया फिर दस्ते क़ुदरत से तराशा गया, तब से क़लम में येह बात जारी हो गई कि तराशे बिग़ैर नहीं लिखता । फिर अल्लाह पाक ने क़लम से इरशाद फ़रमाया : इस उम्मत के मुतअ़ल्लिक़ लिख : येह उम्मत गुनहगार है और रब्बे करीम बहुत बख़्शने वाला है । फिर अल्लाह पाक ने तीसरे ह़िस्से से अ़र्श को पैदा किया फिर चौथे ह़िस्से के मज़ीद चार ह़िस्से कर के पेहले ह़िस्से से अ़क़्ल, दूसरे से मारिफ़त, तीसरे से सूरज, चांद, आंखों का नूर और दिन की रौशनी पैदा फ़रमाई और येह सब ह़क़ीक़तन नूर वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ ही के अन्वार हैं, पस आप صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ तमाम काइनात की अस्ल हैं । इस के बाद अल्लाह पाक ने नूर की उस चौथी क़िस्म के चौथे ह़िस्से को अमानत के त़ौर पर अ़र्श के नीचे रख दिया फिर जब अल्लाह पाक ने ह़ज़रते आदम عَلَیْہِ السَّلَام को पैदा फ़रमाया, तो वोह नूर उन की पुश्ते मुबारक में रखा फिर वोह मुबारक नूर हमेशा पाकीज़ा और बुलन्द लोगों में मुन्तक़िल होता रहा यहां तक कि पाको साफ़ और इ़ज़्ज़तो तकरीम की ह़ालत में ह़ज़रते अ़ब्दुल्लाह رَضِیَ اللّٰہُ عَنْہ तक पहुंचा फिर जब अल्लाह पाक ने "नूरे मुह़म्मदी" को सय्यिदा आमिना رَضِیَ اللّٰہُ عَنْھَا के बत़ने अत़्हर की त़रफ़ मुन्तक़िल