Khud Kushi Kay Asbab

Book Name:Khud Kushi Kay Asbab

चाहिए कि हम अपने ग़ुस्से पर कन्ट्रोल करते हुवे ह़क़ पर होने के बा वुजूद झगड़े से दूर रहें क्यूंकि जो ख़ुश नसीब ह़क़ पर होने के बा वुजूद झगड़ा नहीं करती, اِنْ شَآءَ اللّٰہ उस का बेड़ा पार है चुनान्चे, नबिय्ये अकरम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم का फ़रमाने जन्नत निशान है : जो ह़क़ पर होने के बा वुजूद झगड़ा नहीं करता, मैं उस के लिए जन्नत के किनारे में एक घर का ज़ामिन हूं ( ابوداود،باب في حسن الخلق،۴/ ۳۳۲ حدیث: ۴۸۰۰)

          एक और मक़ाम पर फ़रमाया : बन्दा ईमान की ह़क़ीक़त में उस वक़्त तक कमाल को नहीं पहुंच सकता जब तक कि वोह ह़क़ पर होने के बा वुजूद झगड़ा छोड़ दे (موسوعة ابن ابی الدنیا، کتاب الصمت ،۷/ ۱۰۱، حدیث : ۱۳۹)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! शैत़ान मर्दूद ने हमें सरकारे मदीना صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم की सुन्नतों से दूर कर के हमारे घरों का सुकून बरबाद कर दिया है, हमारा निज़ामे ज़िन्दगी बिगड़ कर रेह गया है, घरेलू ज़िन्दगी की इस्लामी अख़्लाक़ी क़द्रें पामाल हो गईं, इ़ल्मे दीन से दूरी और सुन्नत के मुत़ाबिक़ अख़्लाक़ी तरबियत होने की नुह़ूसत के बाइ़स घर के अक्सर अफ़राद एक दूसरे से नफ़रत करने लगे हैं घरेलू झगड़ों से तंग कर कभी शौहर ख़ुदकुशी कर लेता है, तो कभी बेटी ख़ुदकुशी कर लेती है, तो कभी बेटा, यूंही कभी मां, तो कभी बाप घरेलू मसाइल का एक ह़ल घरों के अन्दर मदनी चेनल के ज़रीए़ मदनी मुज़ाकरा या सुन्नतों भरा बयान देखना, सुनना, रोज़ाना घर दर्स करना और अपने घर में दावते इस्लामी का मदनी माह़ोल क़ाइम करना भी है जिस घर का हर फ़र्द नमाज़ी और सुन्नतों का आ़दी होगा, ऐसे घरानों से اِنْ شَآءَ اللّٰہ आप को कभी भी ख़ुदकुशी की मन्ह़ूस ख़बर सुनने को नहीं मिलेगी येह आफ़त बे नमाज़ियों, फै़शन परस्तों, फ़िल्में, ड्रामे देखने वालों, गाने, बाजे सुनने वालों, सिर्फ़ दुन्यवी तालीम को सब कुछ समझने वालों और बे अ़मली की ज़िन्दगी गुज़ारने वालों का ह़िस्सा है यक़ीन मानिए ! अगर हर मुसलमान दावते इस्लामी के मदनी माह़ोल से वाबस्ता हो जाए, तो अल्लाह पाक और उस के प्यारे ह़बीब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّم के फ़ज़्लो करम से मुसलमानों से ख़ुदकुशी की नुह़ूसत का जड़ से ख़ातिमा हो जाए (ख़ुदकुशी का इ़लाज, . 59 ता 62, मुलख़्ख़सन)

          येह बात ज़ेहन नशीन कर लीजिए ! ख़ुदकुशी करने वाले मुसलमानों को ईसाले सवाब करना जाइज़ है

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد