Khud Kushi Kay Asbab

Book Name:Khud Kushi Kay Asbab

ज़िन्दगी गुज़ारें क़नाअ़त के कई दुन्यवी उख़रवी फ़वाइद हैं आइए ! येह फ़वाइद सुनने से पेहले क़नाअ़त की तारीफ़ सुनती हैं कि क़नाअ़त केहते किसे हैं ?

क़नाअ़त की तारीफ़

          ख़ुदा की तक़्सीम पर राज़ी रेहना या जो कुछ मिल जाए उसी को काफ़ी समझना "क़नाअ़त" है (चिड़िया और अन्धा सांप, . 8, मुलख़्ख़सन) क़नाअ़त के बहुत से फ़वाइद हैं आइए ! चन्द फ़ाइदे सुनती हैं

क़नाअ़त के फ़वाइद और इत्तिबाए़ ख़्वाहिशात के नुक़्सानात

1﴿...क़नाअ़त दिल से दुन्या की मह़ब्बत ख़त्म कर देती है जब कि ख़्वाहिशात की पैरवी करने वाली दुन्या की मह़ब्बत में गिरिफ़्तार होती चली जाती है और दुन्या को ही सब कुछ समझ बैठती है, जो दीन के लिए ज़हरे क़ातिल है

2﴿...क़नाअ़त करने वाली अस्बाब से ज़ियादा अस्बाब पैदा करने वाले रब्बे करीम पर नज़र रखती है, इस त़रह़ वोह ग़ैरों की मोह़ताजी से बच जाती है  जब कि क़नाअ़त से ख़ाली इस्लामी बहन अस्बाब पर नज़रें जमा कर उन्ही को सब कुछ समझ बैठती है, इसी त़रह़ वोह दूसरों से उम्मीदें बांधती और उन से तवक़्क़ोआ़त वाबस्ता कर लेती है

3﴿...क़नाअ़त इन्सान को ख़्वाहिशात का पैरोकार बनने से बचा लेती है और इस की बरकत से ज़िन्दगी सुकून और इत़मीनान (Satisfaction) से गुज़रती है जब कि ख़्वाहिशात की पैरवी बे सुकूनी और ज़ेहनी दबाव को जन्म देती है

4﴿...सब से बढ़ कर क़नाअ़त का फ़ाइदा येह है कि इस से अल्लाह पाक और उस के रसूल صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की रिज़ा ह़ासिल होती है फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ है : उस के लिए ख़ुश ख़बरी है जो इस्लाम की हिदायत पाए और उस की रोज़ी ज़रूरत के मुत़ाबिक़ हो और वोह उस पर क़नाअ़त करे ( ترمذی، کتاب الزھد،باب ماجاء فی الکفاف والصبر علیہ،۴/۱۵۶ ، حدیث: ۲۳۵۵)

          प्यारी प्यारी इस्लामी बहनो ! आज हम क़नाअ़त से बहुत दूर होती जा रही हैं, शायद इसी लिए रिज़्क़ में बरकत होने की शिकायात बहुत आ़म हैं ग़ुर्बत से तंग कर ख़ुदकुशी के वाक़िआ़त की ख़बरें आए दिन अख़बारात की ज़ीनत बनती हैं, मुआ़शरे की इस बदतरीन सूरते ह़ाल की बहुत बड़ी वज्ह क़नाअ़त को अ़मलन छोड़ देना भी है इस लिए क़नाअ़त को अपनाइए, ऐसा करने से सुकून इत़मीनान के साथ सआ़दत मन्दी आप का इस्तिक़्बाल करेगी

صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب!       صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد