Book Name:Moasharay Ki Islah
तक जितना भी इसराफ़ किया है, उस से तौबा कर के आइन्दा बचने की भरपूर कोशिश कीजिए । ٭ वुज़ू करते वक़्त नल एह़तियात़ से खोलिए, दौराने वुज़ू मुमकिना सूरत में एक हाथ नल के दस्ते पर रखिए और ज़रूरत पूरी होने पर बार बार नल बन्द करते रहिए । ٭ मिस्वाक, कुल्ली, ग़रग़रा, नाक की सफ़ाई और हाथ, पाउं की उंगलियों का ख़िलाल और मस्ह़ करते वक़्त एक भी क़त़रा न टपकता हो यूं अच्छी त़रह़ नल बन्द करने की आ़दत बनाइए । ٭ सर्दियों में वुज़ू या ग़ुस्ल करने, बरतन और कपड़े वग़ैरा धोने के लिए गर्म पानी के ह़ुसूल की ख़ात़िर नल खोल कर पाइप में जम्अ़ शुदा ठन्डा पानी यूंही बहा देने के बजाए किसी बरतन में पेहले निकाल लेने की तरकीब बनाइए । ٭ मुंह धोने के लिए साबुन (Soap) का झाग बनाने में भी पानी एह़तियात़ से ख़र्च कीजिए । ٭ इस्तिमाल के बाद ऐसी साबुन दानी में साबुन (Soap) रखिए जिस में पानी बिल्कुल न रहे । ٭ नल से क़त़रे टपकते रेहते हों, तो फ़ौरन इस का ह़ल निकालिए, वरना पानी ज़ाएअ़ होता है । ٭ खाना खाने, चाय या कोई मश्रूब पीने, फल काटने वग़ैरा मुआ़मलात में ख़ूब एह़तियात़ फ़रमाइए ताकि हर दाना, ग़िज़ाई ज़र्रा और हर क़त़रा इस्तिमाल हो जाए । (वुज़ू का त़रीक़ा, स. 25, 26, 27)
صَلُّوْا عَلَی الْحَبِیْب! صَلَّی اللّٰہُ عَلٰی مُحَمَّد