Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

Book Name:Har Simt Chaya Noor Hay 12th-Shab-1441

अपार्टमेन्ट्स, गलियां, मह़ल्ले, मकानात, दुकानें और बाज़ार सजाते हैं, इजतिमाए़ मीलाद मह़ाफ़िले नात से आने वाली "صَلِّ عَلٰی" की सदाएं कानों में रस घोलती हैं, ऐसा क्यूं हो कि इस मुबारक महीने में वोह नूर वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ तशरीफ़ लाए कि ٭ जिन के नूर से येह काइनात रौशन है ٭ जिन के नूर से ज़मीनो आसमान रौशन हैं ٭ जिन के नूर से सूरज और चांद को रौशनी मिली ٭ जिन के नूर से तारों और केहकशाओं में रौशनी है ٭ जिन के नूर से अन्धेरे ख़त्म हुवे ٭ जिन के नूर से जहालत के अन्धेरे छट गए ٭ जिन के नूर से भटकों को हिदायत मिली और वोह भटके हुवे लोग इस नूर वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ से नूर की ख़ैरात पा कर चांद तारे बन कर ख़ुद नूर की रौशनियां बांटने लगे, वोह नूर वाले आक़ा صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ बारह रबीउ़ल अव्वल के महीने में इस काइनात में तशरीफ़ लाए

          अल्लाह करीम का लाख लाख शुक्र है जिस ने हमें एक मरतबा फिर बारह रबीउ़ल अव्वल की मुक़द्दस नूरानी रात नसीब फ़रमाई । ٭ आज की रात वोह अ़ज़ीम रात है जिस में रह़मते आ़लम صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की दुन्या में तशरीफ़ आवरी हुई । ٭ आज की रात वोह अ़ज़ीम रात है जो तमाम रातों की सरदार है । ٭ आज की रात वोह अ़ज़ीम रात है जिस में मकाने आमिना से ऐसा नूर चमका जिस से मशरिक़ो मग़रिब रौशन (Bright) हो गए । ٭ आज की रात वोह अ़ज़ीम रात है जिस में अल्लाह पाक के ह़ुक्म से फ़िरिश्तों के सरदार जिब्रईले अमीन عَلَیْہِ السَّلَام ने मशरिक़ो मग़रिब और ख़ानए काबा पर झन्डे नस्ब किए । ٭ आज की रात वोह अ़ज़ीम रात है कि जिस में अल्लाह पाक के मह़बूब صَلَّی اللّٰہُ عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की तशरीफ़ आवरी पर ईरान के बादशाह "किस्रा" के मह़ल पर ज़लज़ला आया और उस के मह़ल में दराड़ें